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Haryana Congress: अनुशासनहीनता पर सख्त हुई कांग्रेस, पांच जोन में बंटी हरियाणा कमेटी

Haryana Congress: अब नेताओं को पढ़ाई जाएगी ‘आचार संहिता’, प्रदेश कांग्रेस अनुशासन कमेटी की पहली बैठक में बड़ा फैसला

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प्रदेश कांग्रेस अनुशासनात्मक कार्रवाई कमेटी के चेयरमैन धर्मपाल सिंह मलिक मीडिया से बातचीत करते हुए। ट्रिब्यून
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Haryana Congress: हरियाणा कांग्रेस अब अपने ही घर को अनुशासन के दायरे में लाने की तैयारी में है। विधानसभा चुनावों में हार के बाद आत्म निरीक्षण की प्रक्रिया के बीच रविवार को प्रदेश कांग्रेस अनुशासनात्मक कार्रवाई कमेटी की पहली बैठक चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई। कमेटी के चेयरमैन धर्मपाल सिंह मलिक की अध्यक्षता में हुई इस अहम बैठक में जगाधरी विधायक अकरम खान, पूर्व सांसद कैलाशो सैनी, पूर्व विधायक अनिल धंतौड़ी और सदस्य सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित जैन शामिल रहे।

बैठक में पार्टी अनुशासन से जुड़ी कार्यप्रणाली को लेकर विस्तृत चर्चा हुई और कमेटी ने स्पष्ट कहा कि अब कांग्रेस में कोई भी नेता या कार्यकर्ता लक्ष्मण रेखा पार नहीं करेगा। कमेटी ने पहली ही बैठक में संगठनात्मक अनुशासन को लेकर प्रदेश को पांच जोनों में बांटने का निर्णय लिया। हर जोन में अनुशासन और आचार संहिता पर जागरूकता बैठकों का आयोजन किया जाएगा।

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इस तरह होंगे जोन

  • पहला जोन: पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र व कैथल।
  • दूसरा जोन: करनाल, पानीपत, सोनीपत व जींद।
  • तीसरा जोन: गुरुग्राम, फरीदाबाद, नूंह व पलवल।
  • चौथा जोन: रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, भिवानी व चरखी दादरी।
  • पांचवां जोन: फतेहाबाद, हिसार व सिरसा।

जोन वाइज होंगी बैठकें

कमेटी ने बताया कि आने वाले दिनों में जोन-वाइज बैठकें आयोजित होंगी, जिनमें जिलास्तरीय पदाधिकारियों, प्रमुख नेताओं और ब्लॉक स्तर के कार्यकर्ताओं को बुलाया जाएगा। इन बैठकों में उन्हें अनुशासन की आचार संहिता ‘कायदे से पढ़ाई और समझाई’ जाएगी।

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अनुशासन तोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई

बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में चेयरमैन धर्मपाल सिंह मलिक ने दो-टूक कहा कि पार्टी का संविधान और नियम सबसे ऊपर हैं। नेता चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, अगर उसने नियम तोड़े तो कार्रवाई तय है। उन्होंने यह भी बताया कि कमेटी का गठन 28 अक्तूबर को हुआ है, इसलिए अब 28 अक्तूबर के बाद सामने आने वाले अनुशासनहीनता के मामलों पर ही कार्रवाई की जाएगी। पुराने मामलों में कमेटी दखल नहीं देगी। हालांकि, मलिक ने साफ किया कि अगर कोई मामला कमेटी के संज्ञान में आता है, तो वह स्वतः संज्ञान भी ले सकती है। किसी भी प्रकार की शिकायत पर तुरंत एक्शन होगा।

हाईकमान से जुड़े मामलों में सिफारिश

कमेटी ने यह भी स्पष्ट किया कि जिन मामलों का संबंध प्रदेश संगठन के अधिकार क्षेत्र से है, उन पर सुनवाई के बाद तुरंत निर्णय लिया जाएगा। वहीं, सांसदों, एआईसीसी सदस्यों या राष्ट्रीय पदाधिकारियों से जुड़े मामलों में रिपोर्ट हाईकमान को भेजी जाएगी। धर्मपाल सिंह मलिक ने कहा कि कांग्रेस का संविधान बहुत स्पष्ट है। जब कोई व्यक्ति पार्टी की सदस्यता लेता है, तो उसे पता होता है कि क्या करना है और क्या नहीं। फिर भी अगर कोई नियम तोड़ता है, तो यह जानबूझकर किया गया कृत्य माना जाएगा।

‘अनुशासनहीनता ही हार की जड़’

धर्मपाल सिंह मलिक ने विधानसभा चुनावों में पार्टी की हार के कारणों पर भी खुलकर बात की। उन्होंने माना कि गुटबाजी, बयानबाजी और अनुशासनहीनता की वजह से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। उन्होंने कहा किजनता कांग्रेस को वोट देना चाहती थी। लेकिन हमारे अपने नेताओं की खींचतान और आपसी टकराव ने जनसमर्थन को नुकसान पहुंचाया। जनता का कोई दोष नहीं था, गलती हमारी ही थी। मलिक ने यह भी कहा कि अनुशासन की बहाली ही संगठन को मजबूत करने का पहला कदम है। हम पहले अपने घर को व्यवस्थित करेंगे, तभी जनता का भरोसा वापस जीत पाएंगे।

कमेटी अब करेगी ग्राउंड विजिट

बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि कमेटी आने वाले हफ्तों में जिला और ब्लॉक स्तर तक जाएगी। हर जोन में होने वाली बैठकों में स्थानीय नेताओं को बुलाया जाएगा और उन्हें अनुशासन, संगठन के प्रति जिम्मेदारी और आचार संहिता से अवगत कराया जाएगा। सूत्रों के अनुसार, पार्टी नेतृत्व का साफ निर्देश है कि अगली बार कोई नेता सार्वजनिक मंचों पर पार्टी लाइन से बाहर बयानबाजी करता या गुटबाजी में शामिल होता है, तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।

‘लक्ष्मण रेखा पार की तो गिरेगी गाज’

कमेटी ने अपने पहले ही दिन यह संदेश दे दिया कि अब हर नेता और कार्यकर्ता के लिए ‘लक्ष्मण रेखा’ तय कर दी गई है। जो इसे लांघेगा, उस पर कार्रवाई तय मानी जाएगी। मलिक ने कहा कि हम चाहते हैं कि हर नेता पार्टी की मजबूती में योगदान दे, न कि व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के कारण संगठन को नुकसान पहुंचाए। कांग्रेस में अब अनुशासन ही सबसे बड़ा मंत्र होगा।

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