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हरियाणा में नयी कैडर चेंज पॉलिसी मंजूर, जिला बदल सकेंगे शिक्षक

हरियाणा सरकार ने राज्य के जिला कैडर शिक्षकों के लंबे इंतजार को आखिरकार खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुई कैबिनेट बैठक में ‘कैडर चेंज पॉलिसी 2025’ को मंजूरी दी गई। इस...

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हरियाणा सरकार ने राज्य के जिला कैडर शिक्षकों के लंबे इंतजार को आखिरकार खत्म कर दिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में सोमवार को यहां हुई कैबिनेट बैठक में ‘कैडर चेंज पॉलिसी 2025’ को मंजूरी दी गई। इस नीति के लागू होने के बाद शिक्षक जिला बदल सकेंगे। दावा किया गया है कि इस पॉलिसी को पूरी तरह मेरिट, पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी पर आधारित बनाया गया है। जिला कैडर शिक्षकों को समान अवसर और न्यायसंगत तैनाती देने की सोच के साथ यह नीति बनाई गई है।

नयी पॉलिसी लागू होने के बाद 2018 की नीति खत्म हो जाएगी। जेबीटी/ पीआरटी (प्राथमिक शिक्षक), हेड टीचर (एचटी) और क्लासिकल एवं वर्नाक्युलर (सीएंडवी) शिक्षक एक अप्रैल, 2026 से पहले नये जिले में स्थानांतरित हो सकेंगे। बशर्ते वे स्वैच्छिक रूप से आवेदन करें।

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ऐसे होगा जिला परिवर्तन : नयी पॉलिसी में मेरिट लिस्ट तय करेगी कि कौन, किस जिले में जाएगा। इसमें उम्र को सबसे अधिक महत्व मिलेगा। जितनी उम्र ज्यादा, उतनी प्राथमिकता। लंबे समय से कठिन या दूरदराज जिलों में तैनात शिक्षक इसका फायदा उठा सकते हैं। विधवा या तलाकशुदा, 40 वर्ष से अधिक उम्र की अविवाहित महिला, दिव्यांग शिक्षक, गंभीर बीमारी वाले शिक्षकों के अलावा जिन शिक्षकों के बच्चे दिव्यांग हैं, उन्हें 20 अंक मिलेंगे। सेना, अर्द्ध-सैनिक बल में कार्यरत पति/ पत्नी को भी 20 अंकों का लाभ मिलेगा।

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10 अंक की कटौती भी : कैबिनेट ने पॉलिसी में स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों को किसी गंभीर अनुशासनात्मक कारण से दंड मिला है, उनके 10 अंक काटे जाएंगे। वहीं विशेष श्रेणी को सीधे 80 अंक मिलेंगे। सरकार ने मानव-केंद्रित दृष्टिकोण से एक सुपर-प्राथमिकता श्रेणी बनाई है, जिन्हें 80 अंक मिलेंगे। इसमें 12 महीने में रिटायर होने वाले शिक्षक, कैंसर, डायलिसिस, हार्ट बाईपास या ऑर्गन ट्रांसप्लांट जैसी गंभीर बीमारियों वाले शिक्षक, 70 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांग शिक्षक, विधवा शिक्षक जिनके सबसे छोटे बच्चे की उम्र 10 साल या कम है को

लाभ मिलेगा।

अब दौड़ के बाद 10 गुना उम्मीदवार

पहुंचेंगे लिखित परीक्षा तक

कैबिनेट बैठक में कांस्टेबल और सब-इंस्पेक्टर भर्ती के नियमों में बदलाव मंजूर किया गया। ये बदलाव पंजाब पुलिस नियम, 1934 में संशोधन के रूप में किए जा रहे हैं, जिन्हें अब पंजाब पुलिस (हरियाणा संशोधन) नियम, 2025 के रूप में अधिसूचित किया जाएगा। पहले लिखित परीक्षा में अधिक संख्या में उम्मीदवार शामिल किए जाते थे, लेकिन अब व्यवस्था बदल दी है। नयी प्रक्रिया के तहत पहले शारीरिक मापन परीक्षण और शारीरिक स्क्रीनिंग परीक्षण होंगे। इनमें जो उम्मीदवार पास होंगे, उनमें से विज्ञापित पदों की संख्या के दस गुना उम्मीदवार ही लिखित परीक्षा (नॉलेज टेस्ट) के लिए बुलाए जाएंगे। दौड़ व शारीरिक टेस्ट पहले भी जरूरी थे, लेकिन अब उनकी अहमियत और बढ़ गई है।

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