श्रीनगर/जम्मू, 22 जून (एजेंसी/हप्र)
गुपकार गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को बताया कि गठबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नयी दिल्ली में बृहस्पतिवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में शामिल होगा। यह घोषणा यहां अब्दुल्ला के गुपकार रोड स्थित आवास पर केंद्र के निमंत्रण को लेकर चर्चा करने के लिए बुलाई गई पीएजीडी नेताओं की बैठक के बाद की गई। गठबंधन के अन्य नेताओं के साथ मौजूद अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘हमें प्रधानमंत्री का निमंत्रण मिला है और हम (बैठक में) शामिल होंगे।’
केंद्र शासित प्रदेश के लिए भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा के मकसद से प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में जम्मू-कश्मीर के 14 नेताओं को आमंत्रित किया गया है। केंद्र ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने और इसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित करने की अगस्त 2019 में घोषणा की थी, जिसके बाद से पहली बार इस प्रकार की कोई बैठक हो रही है। पीएजीडी अध्यक्ष ने कहा कि गठबंधन को विश्वास है कि वह बैठक के दौरान प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने अपना पक्ष रखने में सक्षम होगा। यह पूछे जाने पर कि गठबंधन का क्या रुख होगा, अब्दुल्ला ने कहा, ‘आप सभी हमारे रुख के बारे में जानते हैं और इसे दोहराने की जरूरत नहीं है। हमारा पहले जो रुख था, वह अब भी है और आगे भी वही रहेगा।’
केंद्र ने नहीं बताया वार्ता का एजेंडा : बैठक के एजेंडे के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा, ‘उनकी तरफ से (केंद्र की तरफ से) कोई एजेंडा नहीं बताया गया है।’ उन्होंने कहा, ‘हम वहां किसी भी मुद्दे पर बात कर सकते हैं।’ पीएजीडी प्रवक्ता और माकपा नेता तारिगामी ने भी पत्रकारों से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री के साथ बैठक में पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा बहाल करने की मांग करने का संकेत दिया।
राज्य का विशेष दर्जा बहाल किये बिना शांति संभव नहीं : महबूबा
गठबंधन की उपाध्यक्ष और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी के रुख को दोहराया और कहा कि वह जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल किए जाने और उसे फिर से राज्य बनाए जाने के लिए दबाव डालेंगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का विशेष दर्जा रद्द करने के ‘अवैध’ और ‘असंवैधानिक’ कदम को वापस लिए बगैर क्षेत्र में शांति बहाल नहीं हो सकती। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र को कश्मीर मुद्दे का हल करने के लिए पाकिस्तान सहित हर किसी से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘वे (भारत) दोहा में तालिबान के साथ वार्ता कर रहे हैं। उन्हें समाधान (कश्मीर मुद्दा) के लिए जम्मू कश्मीर में सभी के साथ और पाकिस्तान के साथ वार्ता करनी चाहिए।’