नयी दिल्ली (एजेंसी) : जीएसटी अधिकारियों ने 34 करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट धोखाधड़ी का खुलासा किया है, जिसमें 7 कंपनियां शामिल हैं। वास्तविक माल ढुलाई के बिना और सरकार को जीएसटी का भुगतान किए बिना आईटीसी धोखाधड़ी करने के इरादे से फर्जी जीएसटी बिल बनाने के लिए 7 फर्में बनायी थीं। मंत्रालय ने कहा कि इन कंपनियों ने 220 करोड़ रुपये के नकली जीएसटी बिल तैयार किए और 34 करोड़ की आईटीसी धोखाधड़ी की। ‘इस रैकेट का सरगना ऋषभ जैन नामक व्यक्ति है।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।