नयी दिल्ली, 29 सितंबर (एजेंसी) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बृहस्पतिवार को कहा कि जयपुर में विधायक दल की बैठक नहीं हो पाने की घटना के लिए उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगी है और अब वह अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। सोनिया गांधी के आवास 10 जनपथ पर उनसे मुलाकात के बाद गहलोत ने यह भी कहा कि अब मुख्यमंत्री पद का फैसला सोनिया गांधी करेंगी। गहलोत ने संवाददाताओं से कहा, ‘मैं 50 साल से कांग्रेस का वफादार सिपाही रहा हूं…दो दिन पहले की घटना से बहुत दुख हुआ है।’ उन्होंने कहा, ‘मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है।’ गहलोत ने कहा, ‘विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित करना मेरी नैतिक जिम्मेदारी थी। मैं उसे करा नहीं पाया। इस माहौल में मैंने फैसला किया कि अब मैं अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ूंगा।’ उनके मुख्यमंत्री पर बने रहने से जुड़े सवाल पर गहलोत ने कहा कि इस बारे में फैसला सोनिया गांधी करेंगी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।