देहरादून, 4 दिसंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड को अपनी सरकार के लिए ‘तप और तपस्या का मार्ग’ बताते हुए कहा कि इस राज्य में विकास की गंगा बह रही है। उन्होंने कहा कि पिछले लगभग 5 साल में यहां एक लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं तेजी से धरातल पर उतारी जा रही हैं।
प्रधानमंत्री ने शनिवार को यहां 18 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद परेड ग्राउंड में एक जनसभा को संबोधित किया।
उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं में संपर्क, स्वास्थ्य, संस्कृति, तीर्थाटन, बिजली और ‘चाइल्ड फ्रेंडली सिटी प्रोजेक्ट’ जैसी हर क्षेत्र की परियोजनाएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अगले 10 वर्षों में ये परियोजनाएं उत्तराखंड को अहम मुकाम पर पहुंचा देंगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रदेश में आधुनिक आधारभूत संरचनाओं की परियोजनाएं, जैसे ‘ऑल वेदर चारधाम’ परियोजनाओं का काम अभूतपूर्व तरीके से हो रहा है।
उन्होंने कहा कि बदरीनाथ जाने वालों की सुविधा के लिए अब लामबगड़ को भूस्खलन मुक्त कर दिया गया है।
देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस-वे के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसके बनने से दोनों शहरों के बीच सफर में लगने वाला समय आधा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस आर्थिक गलियारे से न केवल देहरादून को बल्कि, हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बागपत और शामली जैसे स्थानों को भी फायदा होगा। एक्सप्रेस-वे बनने से उद्योगों का भी गलियारा बनेगा और इसमें 12 किलोमीटर लंबा एशिया का सबसे बड़ा ऐलिवेटेड वन्यजीव गलियारा भी बनाया जा रहा है।
देहरादून में दिखा पीएम का कवि रूप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का शनिवार को यहां कवि रूप दिखाई दिया जहां उन्होंने उत्तराखंड पर एक कविता सुनाई। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत गढ़वाली भाषा में कर यहां उपस्थित जनसमुदाय की सराहना पायी और वहीं समापन पर कविता सुनाकर खूब तालियां भी बटोरीं। प्रधानमंत्री ने कविता की शुरूआती पंक्तियों में कहा, ‘जहां पवन बहे संकल्प लिए, जहां पर्वत गर्व सिखाते हैं, जहां ऊंचे-नीचे सब रस्ते भक्ति के सुर में गाते हैं, उस देवभूमि के ध्यान से ही मैं सदा धन्य हो जाता हूं, है भाग्य मेरा सौभाग्य मेरा, मैं तुमको शीश नवाता हूं और धन्य-धन्य हो जाता हूं।’ मोदी का उत्तराखंड प्रेम जगजाहिर है और अपने पिछले भाषणों में उन्होंने कई बार प्रदेश को अपनी कर्मभूमि भी बताया है। अपने जीवन के शुरूआती दौर में उन्होंने केदारनाथ में लंबे समय तक प्रवास किया और साधना भी की। वर्ष 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान भी उन्होंने केदारनाथ जाकर वहां एक गुफा में बाबा केदार की साधना की थी।