रेवाड़ी, 9 जून (हप्र) शहर के धारूहेड़ा चौक पर 2 नामी गैंग के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग हुई, जिसमें दोनों गैंग के 3 सदस्य व एक राहगीर सहित 4 लोग गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। बुधवार रात 11 बजे 20 राउंड से हुई फायरिंग में रेवाड़ी दहल उठा। गैंग के एक सदस्य के पीठ से गोली आर-पार निकल गई। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उसे रोहतक रेफर किया गया है। गोलीबारी में वहां से गुजर रहे राहगीर गोविंद के पैर में गोली जा लगी, जबकि धारूहेड़ा चौक निवासी राजेश के हाथ व गांव बोहतवास अहीर के मोटा के पीठ व कुल्हे, धारूहेड़ा के विकास की पीठ में लगी गोली आरपार हो गई है। राहगीर गोविंद को प्राइवेट अस्पताल में, राजेश व मोटा को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल विकास को रोहतक रेफर कर दिया गया है। पुलिस अधिकारी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं। गौरतलब है कि नगर के आलू व झोंटा गैंग के बीच जानी दुश्मनी के चलते पहले भी कई बार खूनी संघर्ष हो चुका है। झोंटा गैंग ने 5 साल पहले कुख्यात बदमाश रवि उर्फ आलू की हत्या कर दी थी। इसके बाद आलू गैंग ने झोटा गैंग के चवन्नी सहित दो सदस्यों की हत्या कर दी थी। बदमाश राजकुमार उर्फ झोटा पर भी जानलेवा हमला हुआ था। झोटा फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर आया हुआ है, जबकि आलू गैंग का सरगना सुनील फिलहाल जेल में बंद है। दोनों ही गैंग के कुछ अन्य गुर्गे भी फिलहाल जेल से बाहर हैं, जिनके बीच गोलियां चलीं।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।