तरुण जैन
रेवाड़ी, 26 जनवरी
किसान संगठनों की ट्रैक्टर परेड के दौरान शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के दावों की दिल्ली में तो खूब धज्जियां उड़ी, लेकिन यहां के दिल्ली-जयपुर हाइवे पर धरने पर बैठे किसानों ने इसके विपरीत शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते हुए कूच किया। इन्हें मानेसर (गुरुग्राम) तक ट्रैक्टर मार्च निकालने की इजाजत दी गई। हाइवे स्थित राजस्थान बॉर्डर पर लगाए गए भारीभरकम अवरोधक व बैरिकेड्स को सुबह 11 बजे हटा दिया गया। जैसे ही इन अवरोधकों को हटाया गया तो राजस्थान व अन्य राज्यों से आए किसान ट्रैक्टरों के साथ मानेसर की ओर कूच कर गए। हाइवे के मसानी बैराज पर भी किसानों का दूसरा धरना चल रहा है। यहां के किसान भी लगभग 500-600 वाहनों के साथ मानेसर की ओर बढ़े। इस परेड के साथ पुलिस व सुरक्षाबल भी भारी संख्या में चल रहा था और आंदोलनकारियों पर निरंतर निगरानी रखी जा रही थी।
रेवाड़ी सीमा के साथ लगते जयसिंहपुर खेड़ा बॉर्डर पर पिछले एक माह से अधिक समय से हजारों किसान टेंट लगाकर धरना दिए थे। मानेसर कूच की इजाजत मिलने के बाद ट्रेक्टरों पर किसान संगठनों के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडे लगाए गए। हजारों ट्रैक्टरों के इस काफिले में विभिन्न राज्यों की झांकियां भी प्रदर्शित की गई। इस काफिले का नेतृत्व राजस्थान के किसान नेता राजाराम मील, अमराराम, छगनलाल चौधरी, रामपाल जाट, पेमाराम, बलबीर छिल्लर, केरल के सांसद केके रागेश आदि ने किया। इनमें बड़ी संख्या महिलाओं की भी थी। काफिला धीरे-धीरे तय रूट के अनुसार धारूहेड़ा होते हुए मानेसर पहुंचा। एक तीसरा काफिला राजस्थान के सांसद पद से त्याग पत्र देकर किसानों के साथ खड़े हुए हनुमान बेनीवाल भी लेकर पहुंचे।
मसानी बैराज पर एक पखवाड़े से दिल्ली कूच हेतु धरने पर बैठे किसानों ने भी लगभग 500 ट्रैक्टर व अन्य वाहनों के साथ परेड निकाली। इस काफिले को नेतृत्व केंद्रीय नेताओं द्वारा गठित टीम के नेता रामकिशन महलावत, रणजीत राजू, मनविंद्र मान, रणबीर भादौ, रेशम सरपंच ने किया। रामकिशन महलावत ने कहा कि प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहा है और हम किसी तरह की हिंसा व तोडफ़ोड़ में न तो विश्वास करते हैं और न ही इसके समर्थक हैं। हम गणतंत्र दिवस के मान-सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने देंगे। हमें ट्रैक्टर परेड के लिए प्रशासन ने जो रूट मैप दिया है, उसी अनुसार हम मानेसर पहुंचे हैं और देर रात तक वापिस अपने-अपने धरनास्थल पर पहुंच जाएंगे।