पुरुषोत्तम शर्मा/हप्र
सोनीपत, 27 नवंबर
कुंडली बार्डर के रास्ते दिल्ली में दाखिल होने की कोशिश के दौरान दिल्ली पुलिस से झड़प और पथराव के बाद प्रदर्शनकारी किसानों ने हाईवे पर डेरा जमा दिया है। किसानों ने साफ कर दिया है कि अब वह दिल्ली नहीं जाएंगे। किसानों का कहना है कि किसी मैदान में धरना करने से कहीं बेहतर है कि किसान हाईवे पर ही बैठ जाएं। इससे पूर्व केंद्र सरकार द्वारा किसानों के उग्र रूप को देखते हुए उन्हें दिल्ली में दाखिल होने और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की मंजूरी दे दी गयी थी।
इधर, इससे पहले शुक्रवार दोपहर किसान उग्र हो गए और दिल्ली में प्रवेश करने का प्रयास करते हुए बेरिकेड तोड़ डाले। अभी एक ही सुरक्षा घेरा तोड़ा था कि दिल्ली पुलिस और पैरा मिलिटरी फोर्स ने मोर्चा संभाल लिया। अचानक किसी ने पथराव किया तो फिर करीब पौने घंटे तक दोनों ओर से पथराव होता रहा। पुलिस ने वाटर कैनन का प्रयोग कर किसानों को खदेड़ने का प्रयास किया, तो हलका बल भी प्रयोग किया गया। इस दौरान करीब आठ से दस किसान घायल हो गए। पुलिस की ओर से सुबह से ही रह-रह कर आंसू गैस के गोले दागे जा रहे थे। मामला बिगड़ते देख किसान नेताओं ने पथराव बंद कराकर शांति कायम की।
दिल्ली से ज्यादा कारगर हाईवे पर धरना
आंदोलनकारी किसानों का कहना था कि दिल्ली के किसी मैदान में वह कितने दिनों तक भी बैठे रहें, सरकार पर दबाव नहीं बनेगा। वे अब दिल्ली जाने की बजाय बार्डर पर ही हाईवे पर धरना देंगे। यह रणनीति बनाकर किसान फिर से बार्डर से करीब 500 मीटर पीछे हरियाणा की सीमा में ही धरना देकर बैठ गए।
पंजाब के किसानों पर छोड़ा फैसला : चढ़ूनी
भाकियू के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि दिल्ली कूच का फैसला पंजाब के किसानों पर छोड़ दिया गया है। पंजाब का संगठन जो फैसला लेगा, हरियाणा उसमें साथ है। यह अब साफ है कि कोई निर्णायक फैसला होने तक वह हाईवे पर बैठे हैं।
राई थाना में मुकदमा दर्ज
धारा 144 लागू होने के चलते राई थाना प्रभारी के बयान पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। राई थाना प्रभारी ने शिकायत दी थी कि सुबह करीब दस बजे सैकड़ों लोगों ने धारा 144 के उल्लंघन के साथ ही कोरोना संक्रमण को लेकर लागू नियमों की भी अवहेलना की है।
पानीपत से दिल्ली को निकले किसान
चंडीगढ़ (ट्रिन्यू) : बृहस्पतिवार को हरियाणा के अंबाला, कैथल, कुरुक्षेत्र, जींद, करनाल व पानीपत सहित कई जगहों पर किसानों और पुलिस के बीच हुए सीधे टकराव के बाद किसानों के जत्थे सभी अवरोधों को हटाते हुए पानीपत पहुंचे। पंजाब के किसानों ने अंबाला के शंभू बार्डर के अलावा जींद, कैथल व सिरसा के रास्ते भी हरियाणा में एंट्री की। शुक्रवार को सुबह ही पानीपत से किसानों ने दिल्ली की ओर कूच कर दिया था। पहले पानीपत में और इसके बाद सोनीपत में किसान और पुलिस आमने-सामने हुए। वहीं, पुलिस ने भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी सहित दर्जनों किसान नेताओं पर केस दर्ज किए हैं।