नयी दिल्ली, 27 सितंबर (ट्रिन्यू/एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांव, किसान और देश के कृषि क्षेत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का आधार बताते हुए कहा कि ये जितने मजबूत होंगे, ‘आत्मनिर्भर भारत’ की नींव भी उतनी ही मजबूत होगी। प्रधानमंत्री ने रविवार को ‘मन की बात’ में कहा कि कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद देशभर के किसानों को अब उनकी इच्छा के अनुसार, जहां ज्यादा दाम मिले वहां फसल बेचने की आजादी मिल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि देशभर के किसान उन्हें चिट्ठियां भेजकर और कुछ किसान संगठनों ने निजी बातचीत में उन्हें बताया कि कैसे खेती में नये-नये आयाम जुड़ रहे हैं और बदलाव आ रहा है। कोरोना संक्रमण के बीच देश में बंपर फसल उत्पादन का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां कहा जाता है कि जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वह बड़े से बड़े तूफानों में भी उतना ही अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में भी देश के कृषि क्षेत्र ने फिर दमखम दिखाया है।’
कहानियों के लिए भी निकालें समय : प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के मद्देनजर मास्क और दो गज की दूरी के पालन का आग्रह दोहराते हुए कहा कि इस महामारी से जीवन में बदलाव भी आया है। लोगों को परिवार का महत्व अब समझ आ रहा है। उन्होंने लॉकडाउन में गुजारे गए पलों को याद किया। प्रधानमंत्री ने कहानी सुनाने की कला का जिक्र करते हुए कहा कि कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है जितनी कि मानव सभ्यता का। उन्होंने लोगों से परिवार में हर सप्ताह कहानियों के लिए कुछ समय निकालने का आग्रह किया। मोदी ने कहा कि इससे परिवार में नयी ऊर्जा आएगी।
3 कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी
नयी दिल्ली : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को 3 कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी। ये विधेयक हैं किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020। इन विधेयकों को संसद में पारित किए जाने के तरीके को लेकर विपक्ष की आलोचना के बीच राष्ट्रपति ने उन्हें मंजूरी दी है।