पुरुषोत्तम शर्मा/ हप्र
सोनीपत, 14 दिसंबर
केंद्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ किसान नेताओं ने सोमवार को भूख हड़ताल की और जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन भी किया गया। कुंडली बार्डर पर 30 से अिधक किसान नेताओं ने अनशन किया। इसके साथ तय किया गया कि मंगलवार को 3 बजे किसानों की जत्थेबंदियां बाॅर्डर पर बैठक करेंगी और आंदोलन के अगले चरण का आगाज किया जाएगा।
केंद्र के 3 नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमा पर डटे किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने ही बातचीत का रास्ता बंद किया है। उन्होंने कहा कि किसान वार्ता के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार ही प्रस्ताव नहीं दे रही। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के नेताओं में तालमेल नहीं है। एक तरफ तो सरकार कह रही है कि बीच का रास्ता निकालने के प्रयास हो रहे हैं, वहीं मंत्री रोेजाना कहते हैं कि कृषि कानून रद्द नहीं किए जाएंंगे। ऐसे में अब मंगलवार को नये सिरे से आंदोलन का ऐलान होगा और यह देशव्यापी होगा। किसानों ने कहा कि अब दूसरे राज्यों के साथ-साथ स्टेट हाईवे और जिला तथा तालुका स्तर पर भी आंदोलन करने की योजना है। किसानों के आंदोलन की अगुवाई करने वाली कोर टीम ने पूरा दिन अगली रणनीति की रूपरेखा तैयार की। टीम ने जो ड्राफ्ट बनाया है, उसे मंगलवार को जत्थेबंदियों के बीच बैठक में रखा जाएगा।
बीकेयू एकता (उगराहां) ने नहीं की भूख-हड़ताल
नयी दिल्ली (एजेंसी) : भारतीय किसान यूनियन एकता (उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह ने पंजाब की 32 किसान यूनियनों के एक दिन के अनशन के फैसले से खुद को अलग रखा। सुखदेव ने पिछले सप्ताह एक कार्यक्रम आयोजित कर गिरफ्तार किए गये कार्यकर्ताओं को रिहा करने की मांग की थी।
किसान आंदोलन राजनीतिक गुटों की लड़ाई : भाजपा
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दिल्ली की विभिन्न सीमाओं और देश के कुछ अन्य स्थानों पर तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को भाजपा ने सोमवार को राजनीतिक गुटों की लड़ाई बताया। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने यहां पार्टी मुख्यालय में कहा, ‘किसान आंदोलन किसानों की नहीं, बल्कि राजनीतिक गुटों की लड़ाई हो गई है। आम आदमी पार्टी और कैप्टन अमरेंद्र सिंह के ट्विटर वार को देखिए। वो एक-दूसरे से लड़ रहे हैं। ये किसानों के हित के लिए नहीं, आपस में सत्ता की लड़ाई लड़ रहे हैं।’