नयी दिल्ली, 27 जनवरी (ट्रिन्यू)
राजधानी में मंगलवार को गणतंत्र दिवस पर हुए उत्पात को लेकर दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं पर विश्वासघात का आरोप लगाया हैं। आज यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में पुलिस आयुक्त एनएन श्रीवास्तव ने कहा कि करार व नियम-शर्तों को नहीं मानने से ही हिंसा हुई। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं, जैसे सतनाम सिंह पन्नू और दर्शनपाल ने भड़काऊ भाषण दिए। श्रीवास्तव के अनुसार 25 जनवरी की शाम तय यह स्पष्ट हो गया था कि वे (प्रदर्शनकारी) अपना वादा नहीं निभाएंगे। वे आक्रामक और उग्रवादी तत्वों को सामने लेकर आए, जिन्होंने मंच पर चढ़कर भड़काऊ भाषण दिये। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा, विशेष प्रकोष्ठ, जिला इकाइयों की एक संयुक्त टीम जांच करेगी। श्रीवास्तव ने कहा कि लाल किला पर झंडा फहराने वाले को गंभीरता से लिया है। किसान संगठनों और नेताओं से भी पूछताछ होगी। हिंसा में किसान नेताओं की भूमिका पाई गई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस के अनुसार इस हिंसा में उनकी 30 गाड़ियां तोड़ी गयीं, जबकि 394 पुलिसकर्मी घायल हुए। पुलिस के सामने कई विकल्प थे, लेकिन हमने सयंम को चुना। हम जान माल का नुकसान नहीं करना चाहते थे।
इन पर एफआईआर
डॉ. दर्शनपाल, कुलवंत सिंह संधू, बूटा सिंह बुर्जगिल, निर्भय सिंह ढूढीके, रुल्दू सिंह, इंदरजीत सिंह, हरजिंदर सिंह टांडा, गुरबख्श सिंह, सतनाम सिंह पन्नू, कंवलप्रीत सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह उगराहां, सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह ढल्लेवाल, हरमीत सिंह कादियां, बलबीर सिंह राजेवाल, सतनाम सिंह साहनी, भोग सिंह मानसा, बलविंदर सिंह औलख, सतनाम सिंह बेहरू, बूटा सिंह शादीपुर, बलदेव सिंह सिरसा, जगबीर सिंह, मुकेश चंद्रा, सुखपाल सिंह डफ्फर, हरपाल सिंह सांघा, कृपाल सिंह नाथूवाला, हरिंदर सिंह लक्खोवाल, प्रेम सिंह भंगू, गुरनाम सिंह चढ़ूनी, राकेश टिकैत, कविता कुमगुटी, रिषिपाल अंबावता, वीएम सिंह, मेधा पाटकर, योगेंद्र यादव, अविक साहा, प्रेम सिंह गहलोत।
दिल्ली पुलिस की इस एफआईआर में आपराधिक षड्यंत्र, डकैती, डकैती के दौरान घातक हथियार का प्रयोग और हत्या का प्रयास जैसी गंभीर धाराओं समेत कुल 13 धाराएं लगाई गयी हैं।
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