हरीश लखेड़ा/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 11 अगस्त
राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार पर छाए सियासी संकट के बादल फिलहाल छंट गए हैं। कांग्रेस हाईकमान से ‘आश्वासन’ मिलने के बाद बागी सचिन पायलट ने कांग्रेस का हाथ पकड़े रखने का फैसला किया। अब 14 अगस्त को विधानसभा में विश्वासमत प्राप्त करने जा रहे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मुश्किलें भी कम हो गई हैं। दिल्ली से जयपुर लौटने से पहले पायलट ने कहा कि यहां आकर हमारे साथियों ने कुछ मुद्दों को उठाया था, पार्टी ने हमारी बात को सुना है। अब पार्टी की ओर से क्या पद और जिम्मेदारी दी जाएगी, वो पार्टी पर निर्भर है। पार्टी ने सभी मुद्दों का हल निकालने की बात कही है।
यहां मीडिया से रूबरू पायलट ने कहा कि उन्होंने पहले दिन ही स्पष्ट कर दिया था कि वे कांग्रेस में ही रहेंगे। हमने सभी के सहयोग से सरकार बनाई। मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से ‘नाकारा’ कहे जाने पर पायलट ने कहा कि मुझे अपने परिवार से संस्कार मिले हैं। यदि किसी दूसरी पार्टी में मेरा कट्टर दुश्मन भी होगा तो उनके लिए इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करूंगा। मुख्यमंत्री गहलोत के शब्दों से आहत पायलट ने कहा कि जिस प्रकार की टीका-टिप्पणी हुई, उस पर कॉमेंट करना ठीक नहीं है लेकिन जो भी आरोप लगाए गए, उसका सच सामने आ चुका है। पायलट ने कहा कि अशोक गहलोत उम्र में उनसे काफी बड़े हैं। व्यक्तिगत तौर पर हमेशा उनका मान-सम्मान किया है लेकिन यदि वादों के मुताबिक काम नहीं हुआ तो यह बात उठाना जरूरी था। अब भी कुछ दिखेगा तो उस का विरोध जाहिर करना मेरा अधिकार है।
पायलट ने कहा कि जब राजस्थान में कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 21 रह गई थी, उस दौर में राहुल गांधी ने उन्हें पार्टी को राज्य में दोबारा खड़ा करने की जिम्मेदारी सौंपी जिसे उन्होंने बखूबी निभाया। 5 साल की मेहनत से कांग्रेस के 100 से ज्यादा विधायक जीतकर आए। ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बनती थी कि कार्यकर्ताओं के मान-सम्मान का ख्याल रखा जाए। कार्यकर्ताओं का ख्याल रखना पूरी पार्टी की जिम्मेदारी थी, लेकिन हमने डेढ़ साल में जो काम किए उसमें कार्यकर्ताओं की बात को पूरा नहीं कर पा रहे थे, इसलिए हमें लगा कि दिशा बदलनी चाहिए।
गहलोत के सुर भी बदले कांग्रेस हाईकमान द्वारा 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर देने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सुर भी बदल गए हैं। गहलोत ने जयपुर में कहा कि कांग्रेस पूरे 5 साल राजस्थान में सरकार चलाएगी और वे जब तक जिंदा रहेंगे, अभिभावक बने रहेंगे। बहरहाल, गहलोत ने कहा कि भाजपा के पूरा जोर लगाने पर भी कांग्रेस का एक आदमी भी नहीं टूटा। उन्होंने कहा कि विधायकों की नाराजगी दूर करना उनकी जिम्मेदारी है।