नयी दिल्ली, 10 सितंबर (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार और सभी वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है। आज हर वैश्विक संस्था को अपनी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए सुधार करना आवश्यक है।
जी20 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन ‘एक भविष्य’ सत्र में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का हवाला देते हुए मोदी ने कहा, दुनिया को बेहतर भविष्य की ओर ले जाने के लिए वैश्विक निकायों को आज की वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र की स्थापना 51 सदस्यों के साथ हुई थी, तो दुनिया अलग थी और अब सदस्य देशों की संख्या लगभग 200 हो गई है। बावजूद इसके, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं। तब से आज तक दुनिया हर लिहाज से बहुत बदल चुकी है। परिवहन, संचार, स्वास्थ्य, शिक्षा, हर क्षेत्र का कायाकल्प हो चुका है। ये नयी वास्तविकताएं हमारी नयी वैश्विक संरचना में प्रतिबिंबित होनी चाहिए। गौर हो कि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में अमेरिका, चीन, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस शामिल हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें बहुपक्षीय विकास बैंक के ‘मैंडेट’ का विस्तार भी करना होगा। इस दिशा में हमारे फैसले तुरंत होने चाहिए और प्रभावी भी होने चाहिए। मोदी ने साइबर सुरक्षा और क्रिप्टो करेंसी को दुनिया के वर्तमान और भविष्य को प्रभावित करने वाले ज्वलंत मुद्दों में से एक बताया। उन्होंने कहा कि साइबर जगत आतंकवाद के लिए वित्त पोषण का एक नया स्रोत बनकर उभरा है और इसे सुरक्षित करने के लिए वैश्विक सहयोग और ढांचा आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दुनिया नयी पीढ़ी की प्रौद्योगिकी में अकल्पनीय पैमाने और गति देख रही है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) का हवाला देते हुए कहा कि जी20 देशों को 2019 में समूह द्वारा अपनाए गए ‘एआई पर सिद्धांतों’ से आगे बढ़ने की जरूरत है।
ब्राजील को सौंपी अध्यक्षता, नवंबर में डिजिटल सम्मेलन का प्रस्ताव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जी20 की अध्यक्षता ब्राजील के राष्ट्रपति इनासियो लूला डा सिल्वा को सौंपी। ब्राजील आधिकारिक रूप से इस साल एक दिसंबर को जी20 समूह के अध्यक्ष का कार्यभार संभालेगा। मोदी ने कहा, ‘भारत ने ब्राजील को गैवल (प्रतीक चिन्ह) सौंप दिया है। हमारा अटूट विश्वास है कि वे समर्पण, दूरदर्शिता के साथ नेतृत्व करेंगे और समृद्धि के साथ ही वैश्विक एकता को भी आगे बढ़ाएंगे।’ इसके साथ ही उन्होंने भारत की अध्यक्षता के दौरान लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति की समीक्षा के लिए नवंबर में एक डिजिटल सत्र के आयोजन का प्रस्ताव दिया। मोदी ने शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करते हुए संस्कृत के एक श्लोक के उच्चारण से पूरे विश्व में शांति एवं सौहार्द की प्रार्थना की। जी20 का अगला शिखर सम्मेलन नवंबर 2024 में रियो डी जेनेरियो में होगा।
अनेक हस्तियों ने बापू को किया नमन
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस सहित जी20 देशों के नेताओं ने रविवार सुबह महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर पहुंचकर राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 नेताओं को ‘अंगवस्त्र’ पहनाकर उनका स्वागत किया। इस दौरान, पृष्ठभूमि में गुजरात के ‘साबरमती आश्रम’ का चित्र दिख रहा था। आश्रम 1917 से 1930 तक महात्मा गांधी का निवास स्थान था और भारत के स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य केंद्रों में शामिल था। मोदी को नेताओं को आश्रम के महत्व के बारे में बताते, समझाते देखा गया। जी20 नेताओं ने महात्मा गांधी की समाधि पर पुष्पचक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान, मोदी और सुनक सहित कुछ नेता नंगे पांव चलते नजर आए, जबकि अन्य को राजघाट पर आगंतुकों को प्रदान किए गए सफेद जूते पहने देखा गया। मोदी ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें नेताओं को ‘लीडर्स लाउंज’ में ‘शांति दीवार’ पर हस्ताक्षर करते हुए देखा जा सकता है। -फोटो : प्रेट्र
यह सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण : रूस
रूस ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन कई मायनों में महत्वपूर्ण है। इसके नतीजों ने दुनिया को कई चुनौतियों पर आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि भारत ने यूक्रेन सहित कई मुद्दों पर पश्चिमी देशों को अपना दृष्टिकोण आगे बढ़ाने से रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिखर सम्मेलन के घोषणापत्र ने एक संदेश दिया कि सैन्य
संघर्षों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार हल
किया जाना चाहिए और पश्चिमी शक्तियां विभिन्न संकटों के समाधान की अपनी अवधारणाओं के साथ आगे नहीं बढ़ पाएंगी।
बाइडेन ने भी सराहा : अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा, ‘जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट, नाजुक स्थिति और संघर्ष से जूझ रही है, ऐसे समय में इस साल के शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जी20 अब भी महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है।’