ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
नयी दिल्ली, 25 जनवरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को हरियाणा के एक गांव के मूल निवासियों द्वारा किए गए परिवर्तन की सराहना करते हुए कहा कि एक नया भारत, सशक्त और संवेदनशील भारत उभर रहा है। राष्ट्रपति ने सभी सफल लोगों से उनके जन्मस्थान के विकास के लिए काम करने का आग्रह करते हुए कहा कि अधिकार और कर्तव्य एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और अपने कर्तव्य को अच्छी तरह से निभाना राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण योगदान है।
73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने भिवानी के सुई गांव का उल्लेख किया। राष्ट्रपति ने कहा कि इस गांव से निकले कुछ प्रबुद्ध नागरिकों ने संवेदनशीलता और कर्मठता का परिचय देते हुए ‘स्व-प्रेरित आदर्श ग्राम योजना’ के तहत अपने गांव का कायाकल्प कर दिया है। अपने गांव यानी अपनी मातृभूमि के प्रति लगाव और कृतज्ञता का यह एक अनुकरणीय उदाहरण है। ऐसे उदाहरण से मेरा यह विश्वास दृढ़ होता है कि एक नया भारत उभर रहा है- सशक्त भारत और संवेदनशील भारत। मुझे विश्वास है कि इससे प्रेरणा लेकर अन्य सक्षम देशवासी भी अपने गांव एवं नगर के विकास के लिए योगदान देंगे।
राष्ट्रपति ने कहा, संविधान में उल्लिखित मूल कर्तव्यों का नागरिकों द्वारा पालन करने से मूल अधिकारों के लिए समुचित वातावरण बनता है। राष्ट्र की सेवा करने के मूल कर्तव्य को निभाते हुए हमारे करोड़ों देशवासियों ने स्वच्छता अभियान से लेकर कोविड टीकाकरण अभियान को जन-आंदोलन का रूप दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के लिए गर्व की बात है कि हमने महामारी के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य-क्षमता का प्रदर्शन किया। उन्हाेंने यह भी कहा कि महामारी के खिलाफ संघर्ष अभी जारी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था का यह प्रदर्शन आत्मनिर्भर भारत अभियान की सफलता को भी दर्शाता है।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की सराहना करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएसी-विक्रांत के निर्माण जैसी आधुनिक सैन्य क्षमताओं के बल पर, अब भारत की गणना विश्व के प्रमुख नौसेना-शक्ति-सम्पन्न देशों में की जाती है।