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कांटेदार झाड़ी में फंसी साड़ी की तरह थी अर्थव्यवस्था : सीतारमण

श्वेत पत्र पर राज्यसभा में वार-पलटवार
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नयी दिल्ली, 10 फरवरी (एजेंसी)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को एक तमिल कहावत का उदाहरण देते हुए कहा कि 2014 में जो अर्थव्यवस्था उनकी सरकार को मिली थी, उसकी तुलना कांटेदार झाड़ी में फंसी साड़ी से की जा सकती है, जिसे कांटों से सही सलामत निकालने की चुनौती रहती है। राज्यसभा में श्वेत पत्र पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को उस कांटेदार झाड़ी से निकाला। अर्थव्यवस्था की यह हालत थी कि यह विश्व की पांच कमजोर अर्थव्यवस्था में एक थी और आज सरकार के प्रयासों के कारण यह विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गयी है। सीतारमण ने कहा कि आज अर्थव्यवस्था की जो स्थिति है, उसके आधार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्वास के साथ यह कह रहे हैं कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा।

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नोटबंदी, बेरोजगारी, गरीबी का जिक्र क्यों नहीं : कांग्रेस

कांग्रेस ने शनिवार को राज्यसभा में कहा कि अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र इस देश की वास्तविक सच्चाइयों को छिपाने और महंगाई, बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति जैसे मूल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सरकार द्वारा लाया गया है। कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने सवाल किया कि सरकार ने नोटबंदी के प्रभाव का जिक्र श्वेत पत्र में क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर श्वेत पत्र में बेरोजगारी दर, गरीबी और रुपये के मूल्य का भी कोई जिक्र क्यों नहीं है। उन्होंने श्वेत पत्र लाए जाने के सरकार के मकसद पर सवाल करते हुए विभिन्न आंकड़ों का हवाला दिया और कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में तत्कालीन संप्रग सरकार का प्रदर्शन मौजूदा सरकार की अपेक्षा बेहतर थे। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान बेरोजगारी की दर 5.6 प्रतिशत थी, जो इस सरकार के दौरान 2022 में 8 प्रतिशत तक पहुंच गयी।

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