नयी दिल्ली, 6 नवंबर (एजेंसी)
दिल्ली में शनिवार को तेज हवाएं चलने से वायु गुणवत्ता में आंशिक सुधार हुआ और अगले दो दिनों में हवा और साफ होने की उम्मीद है। मौसम विशेषज्ञों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के समीर ऐप के अनुसार शनिवार सुबह शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 449 दर्ज किया गया, जो कि गंभीर श्रेणी के तहत आता है। शुक्रवार को यह 462 था। प्रतिबंध के बावजूद बृहस्पतिवार को दीवाली के मौके पर खूब पटाखे चलने और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामलों में वृद्धि की वजह से त्योहार के बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता पिछले 5 साल में सबसे खराब स्तर पर पहुंच गई। शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक बृहस्पतिवार रात ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और शुक्रवार सुबह इसमें और बढ़ोतरी दर्ज की गई। मौसम विभाग ने तेज हवाएं चलने का अनुमान जताया है, जिससे शनिवार को शहर की आबोहवा को प्रदूषक कणों से मुक्त होने में मदद मिलेगी।
आबोहवा बिगड़ने में पराली जलाना बड़ी वजह
वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान एजेंसी सफर ने बताया कि पराली जलाने की वजह से शुक्रवार को दिल्ली के प्रदूषण में पीएम 2.5 का योगदान 36 प्रतिशत था, जो कि अब तक का सबसे ज्यादा है। शनिवार सुबह ठंड रही और न्यूनतम तापमान 14.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पानी छिड़काव के लिये टैंकर तैनात
दिल्ली सरकार ने वायु गुणवत्ता खराब होने पर धूल के निस्तारण के लिए सड़कों पर पानी छिड़कने के लिए शनिवार को 114 टैंकर तैनात किए। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने हरी झंडी दिखाकर इन टैंकरों को रवाना करते हुए इसे लोगों की मदद के लिये आपातकालीन उपाय करार दिया।