Red Fort Explosion : दिल्ली ब्लास्ट मामले में मेवात से 3 डॉक्टर सहित 5 लोग गिरफ्तार, इलाके में दहशत का माहौल
Red Fort Explosion : दिल्ली में हाल ही में हुए ब्लास्ट के बाद हरियाणा का नूंह जिला जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। पिछले कुछ दिनों में केंद्रीय एजेंसियों ने यहां से कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया है, जिनमें तीन एमबीबीएस डॉक्टर, एक खाद विक्रेता और एक इमाम शामिल बताए जा रहे हैं। लगातार हो रही कार्रवाई से पूरे क्षेत्र में दहशत का वातावरण बना हुआ है और अभिभावकों में भी चिंता बढ़ गई है।
शुक्रवार देर रात जांच एजेंसियों की एक टीम ने फिरोजपुर झिरका क्षेत्र से दो और डॉक्टर्स को हिरासत में लिया। इनकी पहचान सुनहेड़ा गांव के डॉ. मुस्तकीम और अहमदबास गांव के डॉक्टर मोहम्मद के रूप में हुई है। जानकारी के अनुसार, डॉ. मुस्तकीम ने चीन से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त की और अल-फलाह यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में इंटर्नशिप कर रहे थे, जिसकी अवधि 2 नवंबर 2025 को ही समाप्त हुई थी।
वहीं, डॉक्टर मोहम्मद भी अल-फलाह यूनिवर्सिटी के एमबीबीएस छात्र हैं। दोनों की संदिग्ध आतंकी उमर के साथ करीबी जान-पहचान होने की बात सामने आई है। उमर की गाड़ी दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस-वे पर सीसीटीवी में कैद हुई थी और उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इससे पहले बुधवार और गुरुवार की रात भी नूंह से दो डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया था, जबकि एक खाद विक्रेता को अमोनियम नाइट्रेट बेचने के शक में उठाया गया था।
तावडू शहर से भी कुछ दिन पहले डॉक्टर रिहान को हिरासत में लिया गया था, जो वर्तमान में एक निजी अस्पताल में कार्यरत थे और अल-फलाह यूनिवर्सिटी के ही छात्र रहे हैं। डॉ. मुस्तकीम को हिरासत में लेने की पुष्टि उनके परिजनों ने की है। परिवार का कहना है कि फरीदाबाद सीआईए की टीम उन्हें पूछताछ के लिए अपने साथ लेकर गई थी। परिवार के दो सदस्यों को नूंह तक ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें वापस घर भेज दिया गया।
परिजनों के अनुसार, डॉक्टर मुस्तकीम का किसी भी तरह की गलत गतिविधि से कोई संबंध नहीं है और वह बेहद सरल व अच्छे स्वभाव के युवक हैं। उन्होंने यह भी बताया कि संदिग्ध उमर पहले अल-फलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था और जब गांव में कोई बीमार पड़ता था तो डॉक्टर मुस्तकीम कई बार फोन के जरिए डॉक्टर उमर से सलाह लिया करते थे।
उधर, अहमदबास गांव से हिरासत में लिए गए डॉक्टर मोहम्मद का परिवार नूंह के शिक्षित और राजनीतिक रूप से प्रभावशाली घरानों में गिना जाता है। घटना के बाद उनके घर के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ है और कोई भी सदस्य इस मुद्दे पर बोलने को तैयार नहीं है।फिलहाल एनआईए और अन्य केंद्रीय एजेंसियां नूंह जिले में लगातार छापेमारी कर रही हैं। पैनगवा सहित कई स्थानों पर टीमें पहुंचकर जांच में जुटी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में और कुछ लोगों को हिरासत में लिए जाने की आशंका बनी हुई है।
