नयी दिल्ली, 30 जुलाई (एजेंसी)दिल्ली विधानसभा ने मानसून सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को ‘दिल्ली वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2021′ को पारित किया। इस दौरान विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक ही दिन विधेयक को पेश करने और पारित किए जाने को लेकर इसका विरोध किया। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इसे पेश करते हुए कहा कि इन परिवर्तनों से व्यापारियों के कामकाज को सुचारू बनाने में मदद मिलेगी। इस विधेयक के जरिए दिल्ली जीएसटी कानून में 15 नए संशोधन किए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी एक नया कानून है। हमारी जानकारी में आया है कि कुछ लोग टैक्स की चोरी कर रहे हैं। इसलिए कुछ संशोधनों का मकसद कर चोरी को रोकना है।’ सिसोदिया ने कहा कि इनमें से एक संशोधन 1.5 करोड़ और उससे अधिक के कारोबार वाले पंजीकृत व्यापारियों के अनिवार्य ऑडिट की आवश्यकता को दूर करता है।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।