प्रयागराज, 7 सितंबर (एजेंसी)
साधु-संतों के संगठन अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने काशी और मथुरा में मंदिरों को कथित तौर पर तोड़ कर बनाई गई मस्जिद और मकबरे को मुक्त कराने का सोमवार को निर्णय किया।
यहां हुई एक बैठक के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने संवाददाताओं को बताया, ‘बैठक में सभी के समर्थन से यह प्रस्ताव पारित किया गया है कि काशी विश्वनाथ में जो ज्ञानवापी मस्जिद है वह हिंदुओं के मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। इसी तरह से मथुरा में जो मकबरा है वह मंदिरों को तोड़कर बनाया गया है। इन दोनों को मुक्त कराने का निर्णय हमने लिया है।’ महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ‘हम विश्व हिंदू परिषद, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अन्य हिंदू संगठनों के साथ मिलकर इसकी लड़ाई लड़ेंगे और हमें विश्वास है कि ये दोनों स्थान मुक्त होंगे। इसके लिए हमारा पहला प्रयास होगा कि मुसलमान भाइयों के साथ इस पर आम सहमति बने।…अगर सहमति नहीं बनती है तो हम न्यायालय की शरण में जाएंगे।’
महाराष्ट्र में साधु-महात्मा सुरक्षित नहीं
परिषद ने पालघर की घटना की सीबीआई से जांच की फिर से मांग करते हुए कहा कि ‘साधु-संत महाराष्ट्र को छोड़ दें तो देश में कहीं भी असुरक्षित नहीं हैं।’ अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, ‘साधु-संत कहीं भी असुरक्षित नहीं हैं, विशेषकर उत्तर प्रदेश में तो बिल्कुल भी असुरक्षित नहीं हैं। अगर साधु सुरक्षित नहीं हैं, तो महाराष्ट्र में। पालघर में जिस तरह से साधुओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया, ऐसी घटना और किसी भी प्रांत में नहीं हुई।’ उन्होंने कहा, ‘इस घटना की सीबीआई जांच की मांग हम पहले भी कर चुके हैं और आज फिर कर रहे हैं। महाराष्ट्र की सरकार हिंदूवादी नहीं है…उद्धव (ठाकरे) के पिता हिंदूवादी थे, लेकिन उनके लोगों ने कुर्सी के लिए समझौता कर लिया।’