नयी दिल्ली, 26 फरवरी (एजेंसी)
भारत में 60 साल से अधिक उम्र एवं पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को एक मार्च से कोविड-19 रोधी टीका लगाने की चल रही तैयारियों के बीच इस शनिवार एवं रविवार को देश में टीकाकरण सत्र का आयोजन नहीं किया जाएगा। इसका कारण यह बताया गया है कि ‘को-विन’ डिजिटल मंच को ‘को-विन 1.0’ से ‘को-विन 2.0’ में ले जाया जाना है।
उधर देश भर में एक दिन में कोरोना के 16,577 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 1,10,63,491 हो गई है। इस अवधि में 120 और लोगों की संक्रमण से मौत हुई। आंकड़ों के अनुसार, केन्द्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में वायरस से मौत का पहला मामला सामने आया है। इस तरह कुल मृतक संख्या बढ़कर 1,56,825 हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ‘को-विन’ डिजिटल मंच में बदलाव के बारे में सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को पहले ही सूचित किया जा चुका है। ‘को-विन’ सॉफ्टवेयर कोरोना वायरस रोधी समूचे टीकाकरण अभियान को सही ढंग से अंजाम देने के लिए तैयार किया गया है। स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाने के लिए 16 जनवरी को राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुरुआत की थी।
ठीक होने की दर 97.17 प्रतिशत : स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में उपचाराधीन लोगों की संख्या भी बढ़कर 1,55,986 हो गई, जो कुल मामलों का 1.41 प्रतिशत है। कुल 1,07,50,680 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 97.17 प्रतिशत हो गई। वहीं मृत्यु दर 1.42 प्रतिशत है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के अनुसार, देश में 25 फरवरी तक 21,46,61,465 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की जा चुकी है। इनमें से 8,31,807 नमूनों की जांच बृहस्पतिवार को की गई थी।
31 तक लागू रहेंगे मौजूदा दिशानिर्देश : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 पर मौजूदा दिशानिर्देश 31 मार्च तक लागू रहेंगे। हालांकि कोविड-19 के उपाचाराधीन और (कोरोना वायरस) संक्रमण के नये मामलों में काफी कमी आई है, लेकिन निगरानी, रोकथाम और सतर्कता बनाए रखने की जरूरत है ताकि महामारी से पूरी तरह से उबरा जा सके। राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को लक्षित आबादी समूह का टीकाकरण करने में तेजी लाने की भी सलाह दी गई है, ताकि संक्रमण की ‘शृंखला’ को तोड़ा जा सके और महामारी को खत्म किया जा सके।