नयी दिल्ली, 20 मई (एजेंसी)
सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि सांस के कण संक्रमित व्यक्ति से दस मीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं, और संक्रमित व्यक्ति के माध्यम से कण दो मीटर के भीतर गिर सकते हैं लेकिन हवा के माध्यम से इन्हें दस मीटर तक ले जाया जा सकता है। कहा जाता है कि ये कण और बूंदें वायरस के संचरण के प्रमुख साधन हैं। सरकार ने एडवाइजरी में कहा गया है कि इससे बचने के लिए लोगों को मास्क पहनना जारी रखना चाहिए, डबल मास्क या एन95 मास्क पहनना चाहिए। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय द्वारा जारी की गयी एडवाइजरी में कहा गया है, ‘वेंटिलेशन घर या काम के स्थान पर हम सभी की सुरक्षा करती है। कार्यालयों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों में बाहरी हवा को आने देने की सलाह दी जाती है। इन स्थानों में वेंटिलेशन में सुधार के उपाय करने चाहिए। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समान रूप से इसे तत्काल प्राथमिकता पर लिया जाना चाहिए। झोपड़ियों, घरों, कार्यालयों और बड़े केंद्रीकृत भवनों के लिए ये सिफारिशें की गयी हैं। पंखे, खुली खिड़कियां और दरवाजे, यहां तक कि थोड़ी खुली खिड़कियां भी बाहरी हवा के आने में मदद कर अंदर की हवा की गुणवत्ता में सुधार कर सकती हैं। क्रॉस वेंटीलेशन और एग्जॉस्ट पंखे लगाने से बीमारी को फैलने से रोकने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय वायु-प्रबंधन प्रणालियों वाली इमारतों में कार्यालयों, सभागारों, शॉपिंग मॉल आदि में गैबल फैन सिस्टम और रूफ वेंटिलेटर के उपयोग की सिफारिश की गयी है। बार-बार सफाई और फिटर को बदलने की भी सिफारिश की गयी है।
एक संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस छोड़ने, बात करने, बोलने, गाने, हंसने, खांसने या छींकने आदि के दौरान बूंदों और कणों के रूप में लार और नाक का निर्वहन वायरस के प्रसार का प्राथमिक तरीका है। संक्रमित व्यक्ति जो कोई लक्षण नहीं दिखाता है वह भी वायरस फैलाता है। बिना लक्षण वाले लोग वायरस फैला सकते हैं।