ISRO आज करेगा सबसे भारी संचार उपग्रह ‘बाहुबली' CMS-03 का प्रक्षेपण
Bahubali CMS-03: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 4,000 किलोग्राम से अधिक वजनी संचार उपग्रह CMS-03 को रविवार को प्रक्षेपित किया जाएगा और इसकी उल्टी गिनती जारी है। अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 4,410 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारत...
Bahubali CMS-03: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के 4,000 किलोग्राम से अधिक वजनी संचार उपग्रह CMS-03 को रविवार को प्रक्षेपित किया जाएगा और इसकी उल्टी गिनती जारी है।
अंतरिक्ष एजेंसी ने बताया कि 4,410 किलोग्राम वजन वाला यह उपग्रह भारत की धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (GTO) में प्रक्षेपित किया जाने वाला सबसे भारी उपग्रह होगा। यह उपग्रह LVM3-M5 रॉकेट के जरिये प्रक्षेपित किया जाएगा, जिसे इसकी भारी भारोत्तोलन क्षमता के लिए ‘बाहुबली' नाम दिया गया है।
ISRO के अधिकारियों ने रविवार को बताया कि ISRO का CMS-03 उपग्रह इस अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने के लिए पूरी तरह तैयार है और उल्टी गिनती ‘‘सुचारू रूप से जारी है।''
Countdown Commences!
Final preparations complete and the countdown for #LVM3M5 has officially begun at SDSC-SHAR.
All systems are GO as we move closer to liftoff! ✨
For more Information Visithttps://t.co/yfpU5OTEc5 pic.twitter.com/6pPYS5rl9d
— ISRO (@isro) November 1, 2025
बेंगलुरु मुख्यालय वाली अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने शनिवार को बताया था कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से तैयार करके अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है तथा इसे प्रक्षेपण-पूर्व कार्यों के लिए यहां दूसरे प्रक्षेपण स्थल पर ले जाया गया है।
ISRO ने रविवार को सोशल मीडिया के जरिये कहा, ‘‘LVM3M5 के प्रक्षेपण का दिन। भारत का भारी-भरकम यान आज शाम पांच बजकर 26 मिनट पर CMS03 को प्रक्षेपित करेगा।''
ISRO के एक अधिकारी ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ‘‘चौबीस घंटे की उल्टी गिनती शनिवार शाम पांच बजकर 26 मिनट पर शुरू हुई थी।'' ISRO ने बताया कि 4,000 किलोग्राम तक भारी पेलोड ले जाने की क्षमता के कारण 'बाहुबली' नाम से जाना जाने वाला 43.5 मीटर लंबा यह यान रविवार को शाम पांच बजकर 26 मिनट पर प्रक्षेपित होगा।
LVM3 (प्रक्षेपण यान मार्क-3) ISRO का भारी वजन वहन करने वाला नया प्रक्षेपण यान है और इसका उपयोग 4,000 किलोग्राम के अंतरिक्ष यान को किफायती तरीके से GTO में स्थापित करने के लिए किया जाएगा। हालांकि यह दावा किया जा रहा है कि उपग्रह का इस्तेमाल सैन्य निगरानी के लिए भी किया जाएगा, लेकिन इस मामले पर ISRO की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
दो ठोस मोटर ‘स्ट्रैप-ऑन' (S200), एक द्रव प्रणोदक कोर चरण (एल110) और एक क्रायोजेनिक चरण (सी25) वाला यह तीन चरणीय प्रक्षेपण यान ISRO को GTO में 4,000 किलोग्राम तक वजन वाले भारी संचार उपग्रहों को प्रक्षेपित करने में पूर्ण आत्मनिर्भरता प्रदान करता है।
LVM3- को ISRO के वैज्ञानिक भू-समकालिक उपग्रह प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी) एमके3 भी कहते हैं। ISRO ने कहा कि LVM3-M5 पांचवीं अभियानगत उड़ान है। इससे पहले, अंतरिक्ष एजेंसी ने पांच दिसंबर, 2018 को एरियन-5 वीए-246 रॉकेट के जरिये फ्रेंच गुयाना के कौरू प्रक्षेपण केंद्र से अपने सबसे भारी संचार उपग्रह जीसैट-11 को प्रक्षेपित किया था।
लगभग 5,854 किलोग्राम वजनी जीसैट-11 ISRO द्वारा निर्मित सबसे भारी उपग्रह है। ISRO ने कहा कि रविवार के मिशन का उद्देश्य यह है कि बहु-बैंड संचार उपग्रह CMS-03 भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करेगा।
एलवीएम-3 रॉकेट ने इससे पहले चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण किया था, जिसके जरिये भारत 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बन गया। LVM3 यान अपने शक्तिशाली क्रायोजेनिक चरण के साथ 4,000 किलोग्राम वजन का पेलोड GTO तक तथा 8,000 किलोग्राम वजन का पेलोड पृथ्वी की निचली कक्षा तक ले जाने में सक्षम है।

