रेल घोटाले में लालू, राबड़ी और तेजस्वी पर आरोप तय
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कथित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे व राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय...
दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को कथित आईआरसीटीसी घोटाला मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनके बेटे व राज्य में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय किए। इसके साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव से पहले उनके खिलाफ मुकदमे की तैयारी शुरू हो गई है। इस मुद्दे का इस्तेमाल उनके राजनीतिक विरोधी चुनाव प्रचार में कर सकते हैं।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है और भूमि हस्तांतरण के संबंध में गंभीर संदेह है। वहीं, तीनों ने खुद को निर्दोष बताया और मुकदमे का सामना करने की बात कही। राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के आरोप तय किए, जो भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के संचालन के ठेके एक निजी फर्म को देने में अनियमितताओं से संबंधित हैं। लालू प्रसाद के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत भी आरोप तय किए गये। न्यायाधीश ने आदेश का मुख्य भाग पढ़ा और कहा कि जमीन कम मूल्य पर दी गई, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार, 2004 से 2014 के बीच पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को ट्रांसफर किया गया और फिर इनके संचालन, रखरखाव का काम पटना स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया। एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई। सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया। आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक वीके अस्थाना और आरके गोयल के साथ-साथ सुजाता होटल्स के निदेशक व चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर का भी नाम है।

