वांगचुक की हिरासत मामले में केंद्र और लद्दाख से जवाब तलब
जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से संशोधित याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 24 नवंबर के लिए स्थगित कर दी। पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को भी प्रतिउत्तर, यदि कोई हो तो, दाखिल करने की अनुमति दी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 15 अक्तूबर को अंगमो की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी थी, क्योंकि उन्होंने वांगचुक की हिरासत को चुनौती देने के लिए अतिरिक्त आधारों के साथ एक संशोधित याचिका दायर करने का अनुरोध किया था।
वांगचुक वर्तमान में राजस्थान के जोधपुर स्थित केंद्रीय कारागार में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने छह अक्तूबर को केंद्र और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को नोटिस जारी किए थे। हालांकि, उसने हिरासत का कारण बताने की उनकी याचिका पर कोई आदेश देने से इनकार कर दिया था। वांगचुक को 26 सितंबर को कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत हिरासत में लिया गया था। यह घटना केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची का दर्जा देने की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद हुई थी। इस प्रदर्शन में चार लोगों की मौत हो गई थी और 90 लोग घायल हो गए थे।
