नयी दिल्ली, 4 दिसंबर (एजेंसी)
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन को लेकर भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह और शिरोमणि अकाली दल के पूर्व नेता सुखदेव सिंह ढींडसा के साथ बातचीत हो रही है।
शनिवार को एक समारोह में संबोधन के बाद बातचीत में शाह ने इस संभावना को खारिज कर दिया कि किसान आंदोलन का पंजाब और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किसी प्रकार का कोई असर होगा। उन्होंने कहा कि तीनों कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने के बाद पंजाब में अब कोई मामला नहीं रह जाता। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया कि अगले चुनाव में भाजपा शानदार प्रदर्शन करेगी और उत्तर प्रदेश में फिर से सरकार बनाएगी। पंजाब के सदर्भ में शाह ने कहा,‘हम कैप्टन साहब और ढींडसा साहब से बात कर रहे हैं। संभावना है कि हम उनके दलों से गठबंधन करें। हम सकारात्मक भाव से दोनों दलों से बातचीत कर रहे हैं।’ किसानों के आंदोलन के बारे में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कानूनों को निरस्त कर बड़ा दिल दिखाया है।
370 के रहते क्या जम्मू-कश्मीर में शांति थी?
शाह ने कहा कि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद घाटी में शांति, व्यवसाय के लिए अच्छा निवेश और पर्यटकों की आमद हुई है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला के उस बयान पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने कहा था कि जब तक 370 को बहाल नहीं किया जाता तब तक सरकार क्षेत्र में शांति कायम नहीं कर सकती। शाह ने कहा, ‘पिछले 75 साल से अनुच्छेद 370 था। शांति क्यों नहीं थी?’
रक्षा नीति को विदेश नीति के साये से बाहर निकाला
नयी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उड़ी और पुलवामा हमलों के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और हवाई हमलों के जरिये सरकार ने पहली बार रक्षा नीति को विदेश नीति के साये से बाहर निकाला। इसके साथ ही भारत अमेरिका और इस्राइल जैसे देशों की सूची में शामिल हो गया। शाह ने एक समारोह में कहा,‘अतीत में आतंकवादी आते थे और हमारे सैनिकों को मार कर वापस चले जाते थे और घुसपैठ की इन घटनाओं पर कोई जवाब नहीं दिया जाता था। यह पहली बार है, जब हमारे प्रधानमंत्री ने फैसला किया कि हमारी सीमाओं का उल्लंघन आसान नहीं होगा।’