बिहार में बंपर वोटिंग, एग्जिट पोल में फिर एनडीए सरकार
विधानसभा चुनाव दूसरे चरण में रिकॉर्ड 69 प्रतिशत मतदान
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में मंगलवार को रिकॉर्ड 68.79 प्रतिशत मतदान हुआ। प्रदेश विधानसभा चुनाव में यह अब तक का सबसे ज्यादा मतदान प्रतिशत है। अंतिम चरण के मतदान के बाद आए लगभग सभी सर्वेक्षणों (एग्जिट पोल) में संभावना जताई गई है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) बड़े बहुमत के साथ एक बार फिर सरकार बना सकता है। इनमें एनडीए को 130 से 209 सीटें और राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वाम दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के महागठबंधन को 32 से 108 तक सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। ‘पोल डायरी’ के एग्जिट पोल में एनडीए को सबसे ज्यादा 184-209 सीटें मिलने की संभावना जताई है। ‘चाणक्या स्ट्रेटजीज’ ने एनडीए को सबसे कम 130-138 सीटें मिलने की संभावना जताई है। इसने महागठबंधन को सभी एग्जिट पोल से ज्यादा 100-108 तक सीटें मिलने का अनुमान जताया है। ज्यादातर एग्जिट पोल में प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी का खाता खुलने की संभावना जताई गई है। मतगणना 14 नवंबर
को होगी।
इधर, राज्य निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, दूसरे चरण में 122 विधानसभा क्षेत्रों में 67.14 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, जो छह नवंबर को पहले चरण में हुए रिकॉर्ड 65.09 प्रतिशत मतदान से लगभग दो फीसदी अधिक है। राज्य का मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज इस चरण में सर्वाधिक मतदान वाले जिलों में शीर्ष पर रहा। वहां 76.26 फीसदी वोट पड़े।
महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ा : दोनों चरणों को मिलाकर कुल 66.91 प्रतिशत मतदान हुआ है। राज्य के इतिहास में महिला मतदाताओं की संख्या भी सर्वाधिक रही। पहले चरण में 61.56 प्रतिशत पुरुषों की तुलना में 69.04 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया। दूसरे में 74.03 फीसदी महिलाओं ने, जबकि 64.1 फीसदी पुरुषों ने मतदान किया।
तरनतारन में 60.95 फीसदी वोटिंग पंजाब में तरनतारन विधानसभा उपचुनाव के लिए मंगलवार को हुए मतदान में 60.95 प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। वर्ष 2022 में 65.81 प्रतिशत मतदान हुआ था। यहां कुल 15 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसके अलावा विभिन्न सात राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की आठ सीटों पर मतदान सामान्य रहा।
शकील अहमद ने छोड़ी कांग्रेस
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शकील अहमद ने बिहार में स्थानीय नेतृत्व के साथ मतभेदों का हवाला देते हुए मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया। पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और कांग्रेस के पूर्व महासचिव अहमद ने अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजा। उन्होंने कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा में विश्वास रखते हैं और किसी भी पार्टी में शामिल नहीं होंगे।

