मुंबई, 8 नवंबर (एजेंसी)
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता नवाब मलिक को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी), मुंबई क्षेत्रीय इकाई के निदेशक समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े द्वारा दायर मानहानि के एक मुकदमे के जवाब में हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति माधव जामदार की अवकाशकालीन पीठ ने मलिक को मंगलवार तक अपना हलफनामा दाखिल करने का निर्देश देने के साथ ही इस मामले को बुधवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया। न्यायमूर्ति जामदार ने कहा, ‘आप (मलिक) कल तक अपना जवाब दाखिल करें। यदि आप ट्विटर पर जवाब दे सकते हैं तो आप यहां भी जवाब दे सकते हैं।’ उन्होंने वादी (ध्यानदेव वानखेड़े) के खिलाफ कोई और बयान देने से मलिक पर रोक लगाने का आदेश जारी किये बगैर यह निर्देश दिया।
ध्यानदेव ने अपने मुकदमे के जरिये मलिक से सवा करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मलिक ने उनके बेटे समीर वानखेड़े और परिवार के खिलाफ संवाददाता सम्मेलन तथा सोशल मीडिया के जरिये मानहानिकारक टिप्पणियां की हैं। वाद के जरिये मलिक के बयानों को मानहानिकारक घोषित करने और राकांपा नेता को उनके सोशल मीडिया अकाउंट सहित मीडिया में बयान जारी करने या उसे प्रकाशित कराने पर स्थायी रोक लगाने का अनुरोध किया गया है।
भाजपा नेता की याचिका पर मलिक को नोटिस जारी
यहां की एक अदालत ने मुंबई भाजपा की युवा इकाई के पूर्व अध्यक्ष मोहित भारतीय की आपराधिक मानहानि शिकायत पर सोमवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को नोटिस जारी किया। भारतीय ने आरोप लगाया है कि पिछले महीने एक क्रूज जहाज पर एनसीबी की छापेमारी के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता ने उन्हें और उनके एक करीबी रिश्तेदार को बदनाम किया। भारतीय ने मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर अपनी शिकायत में दावा किया कि मलिक ने एनसीबी की छापेमारी और आर्यन खान सहित कई लोगों की गिरफ्तारी को लेकर 9 अक्तूबर को संवाददाता सम्मेलन में उन्हें और उनके रिश्तेदार ऋषभ सचदेव को ‘जानबूझकर बदनाम’ किया। मामले की सुनवाई 29 नवंबर को होगी।