कोझिकोड, 8 अगस्त (एजेंसी)
केरल के कोझिकोड हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान का ब्लैक बॉक्स मिल गया है। इससे यह पता लगाने में मदद मिल सकती है कि विमान रनवे से कैसे फिसला। इस बीच, हादसे में घायल हुए एक और व्यक्ति की मौत हो जाने के बाद मृतक संख्या शनिवार को बढ़कर 18 हो गई। वहीं, मारे गये एक यात्री के कोरोना वायरस से संक्रमित पाये जाने के बाद स्थिति और विकट हो गयी है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बचाव अभियान में जुटे सभी लोगों से एहतियातन पृथक-वास में रहने और अपनी जांच कराने को कहा है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने भी इस हादसे के बाद बचाव एवं राहत कार्य के लिए गये अपने जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को पृथकवास में जाने को कहा है। सीआईएसएफ के करीब 50 जवान बचाव कार्य में शामिल हुए थे।
दुबई से 190 लोगों के साथ आ रहा यह विमान शुक्रवार शाम भारी बारिश के बीच कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरने के दौरान हवाईपट्टी से फिसलने के बाद 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा था और उसके दो टुकड़े हो गये थे। एएआईबी (विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो), डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) और उड़ान सुरक्षा विभाग के अधिकारी ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी स्थिति एवं राहत कार्यों का जायजा लेने कोझिकोड पहुंचे। उन्होंने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान का डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (डीएफडीआर) और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) बरामद कर लिया गया है।
रनवे पर खामियां, डीजीसीए ने पिछले साल दिया था नोटिस
विमानन नियामक डीजीसीए ने कोझिकोड हवाईअड्डे के कई स्थानों पर सुरक्षा संबंधी बड़ी खामियां पाए जाने के बाद पिछले साल 11 जुलाई को हवाईअड्डा निदेशक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। नागर विमानन महानिदेशालय ने रनवे पर दरारें होने, पानी रुकने और अत्यधिक रबड़ एकत्र होने समेत कई खामियों का नोटिस में जिक्र किया था। पिछले साल 2 जुलाई को सऊदी अरब के दम्माम से आये एयर इंडिया एक्सप्रेस के विमान का पिछला हिस्सा इस हवाईअड्डे पर उतरते समय हवाईपट्टी से टकरा गया था। इस हादसे के बाद डीजीसीए ने निरीक्षण किया था।
विशेषज्ञ ने 9 साल पहले चेताया था
मुंबई (एजेंसी) : विमानन क्षेत्र के एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने करीब 9 साल पहले चेताया था कि कोझिकोड हवाईअड्डे के रनवे-10 पर बारिश में अनुकूल हवा की स्थिति में उतरने वाली उड़ानें यात्रियों की जान खतरे में डालने वाली हैं। ऐसी परिस्थिति में उतरते समय विमान का कोण या दिशा प्रभावित हो सकती है। कैप्टन मोहन रंगनाथन ने जून, 2011 में तत्कालीन नागर विमानन सचिव नसीम जैदी को पत्र लिखकर इस हवाई पट्टी को लेकर चिंता जताई थी। रंगनाथन उस समय नागर विमानन सुरक्षा सलाहकार समिति (सीएएसएसी) में परिचालन समूह के सदस्य थे।