नयी दिल्ली/लुधियाना, 8 जून (एजेंसी/निस)
पंजाब की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए भारतीय जनता पार्टी ने निजी कंपनियों को कोविड किट का ठेका देने में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मंगलवार को मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह और स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू के इस्तीफे की मांग की। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने दावा किया कि राज्य सरकार ने अप्रैल के महीने में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए ‘फतेह’ किट का ठेका पहले एक कंपनी को 837 रुपये प्रति किट के हिसाब से दिया और इसके बाद अगले कुछ सप्ताह में दो और ठेके 1,226 रुपये प्रति इकाई और 1,338 रुपये प्रति इकाई के हिसाब से दिए गए। भाटिया ने कहा कि पहले दिए गए ठेके के मुकाबले अंतिम ठेका 60 प्रतिशत अधिक था। इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार के रास्ते खोजने का आरोप लगाया। संवाददाता सम्मेलन में भाटिया ने कहा, “यह शर्म की बात है कि कांग्रेस महामारी के दौरान भी भ्रष्टाचार कर रही है।” उन्होंने कहा कि जिन कंपनियों को ठेका दिया गया उनके पास अनिवार्य लाइसेंस भी नहीं था। इससे एक दिन पहले विपक्षी पार्टियों शिरोमणि अकाली दल और आम आदमी पार्टी ने भी ‘फतेह’ किट की खरीद में अनियमितताओं का आरोप लगाया था। इस बीच लुधियाना में भारतीय जनता पार्टी ने कोरोना को मात देने के लिए पंजाब सरकार द्वारा घरों में एकांतवास में रहने वाले मरीजों के लिए खरीदी फतेह किटों में 8 करोड़ रुपये की ‘घपलेबाजी’ का भंडाफोड़ किया है। भाजपा की पंजाब इकाई के मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन, महामंत्री जीवन गुप्ता ने आज यहां संवाददाताओं को बताया कि राज्य सरकार ने 50 हजार फतेह किट खरीदने के लिए एक अप्रैल को टेंडर रिसीव किया।
टेंडर में संगम मेडिकल स्टोर ने सबसे कम दाम 837.76 रुपये प्रति किट देने की पेशकश की। इसके बावजूद राज्य सरकार ने 3 अप्रैल को 940.80 रुपये अर्थात 103.04 रुपये प्रति किट बढ़ाकर खरीद आर्डर जारी कर संगम मेडिकल स्टोर के साथ दो अन्य कंपनियों को जोड़ कर 50 हजार फतेह किट के आर्डर को तीन भागों में बांट दिया। इस आर्डर में सरकार ने संगम मेडिकल स्टोर से सिर्फ 16,668 किट खरीदी, बाकी की 33,332 किट दो अन्य अपनी चहेती कंपनियों से खरीदी।
हैरानी की बात है कि जब संगम मेडिकल स्टोर फतेह किट 837.76 रुपये में देने को तैयार था तो सरकार ने किस मजबूरी में 940.80 रुपये में 50 हजार किट खरीदी। श्री सरीन नें कहा कि मामला यहीं समाप्त नहीं होता केवल 17 दिन बाद राज्य सरकार ने एक अन्य टेंडर के माध्यम से एक अन्य कंपनी ग्रैंड-वे इन कार्पोरेशन से उन्हीं 20 आइटम की 50 हजार किट 20 अप्रैल को 1226.40 रफये प्रति किट की दर से खरीदी जो कि पहले से खरीदी किट से 285 रुपये 60 पैसे मंहगी थी। पंजाब सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुऐ भाजपा नेताओं ने बताया कि स्वास्थय विभाग की तरफ से 4 मई को किट खरीद के लगाए तीसरे टेंडर में सरकार के रणनीतिकारों ने दूसरे टेंडर के माध्यम से 20 अप्रैल को उन्हीं 20 आइटम की 1 लाख 50 हजार किट 1226.40 पैसे में सप्लाई करने वाली कंपनी ग्रैंड-वे इन कार्पोरेशन को ही 7 मई को 1338 रुपये में दूसरी खरीद से 111.60 पैसे मंहगे दाम में खरीद आर्डर जारी कर दिया। भाजपा नेताओं ने फतेह किट्ट खरीद घोटाले में करीब 8 करोड़ रुपये के हुए घोटाले की सीबीआई से जांच की मांग की हंै।