Bihar Result 2025 : बिहार में नहीं चला राहुल का ‘वोट चोरी' विरोधी अभियान, आगे अब कई चुनौतियां
देश का मुख्य विपक्षी दल बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह सीटें जीत सकी
Bihar Result 2025 : बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त ने कांग्रेस के सामने पहले से खड़ी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है। अब उसे न सिर्फ अपने को एकजुट रखने की चुनौती का सामना करना होगा, बल्कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में सहयोगी दलों के साथ सीटों का तालमेल करने व अपनी खोई जमीन को वापस पाने की जद्दोजहद करनी होगी।
देश का मुख्य विपक्षी दल बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ छह सीटें जीत सकी, जो 2010 के बाद न्यूनतम है। कथित वोट चोरी और मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाने वाली कांग्रेस ने बिहार के नतीजे को लेकर अब तक आधिकारिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। पार्टी के कई नेताओं ने अपने स्तर से निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार की भूमिका पर सवाल खड़े किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की जीत के बाद भाजपा मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि इस दल में बड़ा विभाजन हो सकता है।
पिछले साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतकर एक बार फिर खड़े होने का संकेत दिया था, लेकिन इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली के विधानसभा चुनावों में उसकी हार ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बिहार में कांग्रेस बड़ी ताकत थी, लेकिन पिछले करीब चार दशकों से उसकी हालत पतली होती चली गई। उसने 1985 में 196 सीटों हासिल की थीं, लेकिन 1990 में घटकर 71 पर आ गई। कांग्रेस ने 1995 और 2000 में क्रमश: 29 और 23 सीटें जीतीं। 2010 में चार सीटों पर सिमट गई, हालांकि महागठबंधन के घटक के तौर पर उसने 2015 में 27 सीटें जीतीं। बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ सप्ताह पहले राहुल गांधी द्वारा निकाली गई ‘वोटर अधिकार यात्रा' भी बेअसर साबित हुई क्योंकि यह यात्रा जिन क्षेत्रों से होकर गुजरी वहां भी प्रदेश के अन्य हिस्सों की तरह महागठबंधन का सूपड़ा साफ हो गया।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में बीते 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा कथित वोट चोरी और मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ थी। यह यात्रा रोहतास, औरंगाबाद, गयाजी, नवादा, शेखपुरा, नालंदा, लखीसराय, मुंगेर, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर और कुछ अन्य क्षेत्रों से गुजरी थी।

