नयी दिल्ली, 27 सितंबर (एजेंसी)
बिहार विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा होने के बाद भी महागठबंधन में सीटों के तालमेल पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया है और अब वाम दलों को लेकर नया पेंच फंस गया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस वामपंथी पार्टियों को साथ लेने की पुरजोर पैरवी कर रही है तो महागठबंधन का सबसे बड़ा घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) हिचकिचाहट दिखा रहा है क्योंकि वह भाकपा-माले, भाकपा एवं माकपा को उनकी मांग के मुताबिक सीटें देने को तैयार नहीं है। सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के घटक दलों के साथ बातचीत की प्रकिया में शामिल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता की मानें तो जीतन राम मांझी के अलग होने और राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) के नेता उपेंद्र कुशवाहा के भी अलग राह पकड़ने के अंदेशे को देखते हुए कांग्रेस वाम दलों को विपक्षी गठबंधन में शामिल करने के पक्ष में है। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘छोटे दलों के साथ सीटों पर फैसला नहीं होने के कारण सीट बंटवारे को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। हम चाहते हैं कि वाम दलों को भी साथ लिया जाए क्योंकि बिहार के कुछ इलाकों में उनका भी आधार है और वे वैचारिक रूप से भाजपा विरोधी हैं।’ यह पूछे जाने पर कि क्या इसके लिए राजद तैयार नहीं है तो उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआती दौर में वाम दलों के साथ जो संवाद हुआ, उसमें संभवत: उनकी तरफ से इतनी सीटें मांगी गईं जितना दे पाना राजद के लिए संभव नहीं है। राजद को इसी बात को लेकर हिचकिचाहट है। हालांकि हमारा कहना है कि सीटों को लेकर उनके साथ बैठकर चर्चा होगी तो बात बन जाएगी।’
गौरतलब है कि बिहार विधानसभा की 243 सीटों के लिए तीन चरणों में 28 अक्टूबर, तीन नवंबर और सात नवंबर को मतदान होगा और मतगणना 10 नवंबर को होगी।