Bihar Election : कांग्रेस का मोदी-नीतीश पर बड़ा आरोप, जयराम बोले- क्या यह 'ट्रबल इंजन सरकार' का 'मंगल राज' है?
Bihar Assembly Election : कांग्रेस ने बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के शासन में ‘जंगल राज' होने के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के आरोपों पर पलटवार करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में प्रश्नपत्र लीक, रोजगार की तलाश में परिवारों के ‘पलायन' और जघन्य अपराधों में कथित वृद्धि के मुद्दे पर घेरने की कोशिश की।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर निशाना साधते हुए राज्य में आपराधिक घटनाओं में वृद्धि का हवाला दिया और प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या यह उनकी “ट्रबल इंजन सरकार” का “तथाकथित मंगल राज” है? सत्ता में महागठबंधन की वापसी से पूर्ववर्ती राजद शासन में व्याप्त “जंगल राज” का युग वापस आ जाएगा, जहां अपराधी “दंड के भय से मुक्त होकर काम करते थे। पटना की उन्हीं सड़कों पर जहां नौकरी और निष्पक्ष भर्ती परीक्षा की मांग को लेकर युवाओं पर लगभग हर महीने लाठीचार्ज किया जाता था, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री वोट के लिए रोड शो कर रहे हैं।
उन्होंने लिखा कि इसलिए आज हम उनसे तीन सीधे सवाल पूछना चाहते हैं। आपके संरक्षण में बिहार में दर्जनों प्रश्नपत्र लीक और भर्ती-प्रवेश परीक्षा घोटाले हुए, जिससे लाखों युवाओं का भविष्य बर्बाद हो गया। जब यह पर्याप्त नहीं था, तो फर्जी डिग्रियां बेचने का कारोबार भी फलने-फूलने लगा। बिहार के लाखों युवाओं की कड़ी मेहनत और भविष्य के साथ समझौता क्यों किया गया? बिहार में किए गए एक जाति-आधारित सर्वेक्षण के मुताबिक, 64 फीसदी आबादी यानी लगभग नौ करोड़ लोग अभी भी सिर्फ 67 रुपये प्रतिदिन पर गुजारा करते हैं। आपकी सरकार के 20 साल बाद भी बिहार की हालत इतनी खराब क्यों है?
उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राजग के “डबल इंजन सरकार” के नारे पर कटाक्ष किया, जिसके तहत दावा किया जाता है कि केंद्र और राज्य दोनों में राजग की सरकार होने से तीव्र विकास सुनिश्चित होता है। “ट्रबल इंजन” सरकार की नीतियों के कारण 3.18 करोड़ लोग रोजगार की तलाश में राज्य छोड़ने को मजबूर हुए। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या वे इन परिवारों के पलायन की जिम्मेदारी लेंगे। कैग (नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक) ने बिहार के 10 विभागों में 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है। क्या महाराष्ट्र की तरह (बिहार में भी) इन घोटालों को ‘अच्छे दिन' की निशानी माना जाएगा? कृपया इस पर टिप्पणी करें।
उन्होंने कहा कि जब आप बिहार में अपने रोड शो की सुर्खियां देखते हैं, तो कृपया राज्य में पिछले हफ्ते हुए जघन्य अपराधों की सुर्खियों पर भी ध्यान दें। बिहार में महज सात दिन में हत्या और गोलीबारी की आठ बड़ी घटनाएं हुईं। मोकामा: दुलारचंद यादव की हत्या; भोजपुर: उपेंद्र कुशवाहा के समर्थक पिता-पुत्र की हत्या; सीवान: एएसआई अनिरुद्ध कुमार की गला रेतकर हत्या; भागलपुर: भाजपा नेता विवेकानंद प्रसाद को उनके घर में गोली मारी गई; रोहतास: होटल कर्मचारी नीतीश कुमार को बिल मांगने पर गोली मारी गई; लखीसराय: शैलेंद्र नामक युवक की चाकू मारकर हत्या; समस्तीपुर: छठ पर्व से लौटते समय मंटून सहनी की हत्या; पटना: विकास कुमार को दिनदहाड़े गोली मारी गई। ये एक हफ्ते में घटित प्रमुख आपराधिक घटनाओं में से कुछ ही हैं।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि बिहार में रोजाना औसतन आठ हत्याएं, 33 अपहरण और 133 जघन्य अपराध होते हैं। तो प्रधानमंत्री जी, क्या यह आपकी ‘ट्रबल इंजन' सरकार का तथाकथित ‘मंगल राज' है? बता दें कि बिहार में विधानसभा चुनाव के लिए दो चरणों में छह और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया' ने राजद नेता तेजस्वी यादव को राज्य में मुख्यमंत्री पद का अपना उम्मीदवार घोषित किया है।
