नयी दिल्ली, 30 नवंबर (एजेंसी)
भारत ने सोमवार को कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है और इसका इस्तेमाल ‘राज्य नीति’ के साधन के रूप में करने के लिए पाकिस्तान की निंदा की। भारत ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इस खतरे का सामना एक साथ मिलकर करने और आतंकवाद को समर्थन देने वाले सुरक्षित ठिकानों, बुनियादी ढांचे और उनके वित्तीय नेटवर्क को व्यापक रूप से खत्म करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कानूनी व्यवस्थाओं को लागू करने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने 8 सदस्यीय एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि क्षेत्र के सामने सबसे बड़ी चुनौती आतंकवाद है और उन्होंने विशेष रूप से सीमा पार आतंकवाद के बारे में उल्लेख किया। भारत की मेजबानी में हुई ऑनलाइन बैठक में नायडू ने कहा कि आतंकवाद सही मायने में मानवता का दुश्मन है। यह एक संकट है, जिसका हमें सामूहिक रूप से मुकाबला करने की आवश्यकता है। हम अनजाने स्थानों से उत्पन्न खतरों के बारे में चिंतित हैं और विशेष रूप से उन देशों के बारे में चिंतित हैं, जो राज्य नीति के साधन के रूप में आतंकवाद का फायदा उठाते हैं। ऐसा दृष्टिकोण पूरी तरह से एससीओ की भावना और चार्टर के खिलाफ है। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खतरे का खात्मा करने से अपनी वास्तविक क्षमताओं को साकार करने में क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर स्थिति का माहौल बनेगा और आर्थिक विकास और सतत विकास होगा।