भिवानी, 13 दिसंबर (हप्र) भारतीय कबड्डी टीम के कोच असन सांगवान ने भिवानी में एलान किया है कि किसानों की मांग नहीं मानी तो वे अपना अर्जुन अवार्ड लौटा देंगे। असन सांगवान फिलहाल भारतीय कबड्डी टीम के कोच हैं और इन्हें साल 1994 में भीम अवार्ड, साल 1996 में भारत गौरव तथा साल 1998 में अर्जुन अवार्ड मिल चुका है। असन कुमार का कहना है कि प्रदेश में उनके समय के अर्जुन अवार्डी किसानों के समर्थन में क्योंकि खिलाड़ी किसान परिवारों से आते हैं उनका प्रमुख व्यवसाय खेती है। उन्होने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को किसान हित में बता रही है, लेकिन किसान इन क़ानूनों का विरोध कर रहे हैं तो सरकार इन कानूनों को किसानों पर ज़बरन न थोपे। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक सप्ताह में किसानों की मांग पूरी नहीं की तो वे अपने 8-10 अन्य अर्जुन अवार्डी साथियों सहित अपने अवार्ड किसानों के हक में सरकार को वापस लौटाने को मजबूर होंगे।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।