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झूठे मैसेज सावधान, खुशफहमी में पाकिस्तान

नापाक डिजिटल वार
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उज्ज्वल जलाली/ ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 9 मई

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पाकिस्तान की तरफ से सोशल मीडिया पर झूठी सूचानाएं फैलाकर भारत के खिलाफ ‘डिजिटल वार’ भड़काने की साजिश भी की जा रही है। बृहस्पतिवार रात जब पाकिस्तान के ड्रोन हमलों का भारतीय सशस्त्र बल प्रभावी ढंग से जवाब दे रहे थे, उसी दौरान कुछ ही सेकंड में सैन्य कार्रवाई के फर्जी वीडियो वायरल हो गये। केंद्र सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो की तथ्य जांच इकाई ने बृहस्पतिवार रात 10 बजे से शुक्रवार सुबह 6:30 बजे तक ऐसे कई वीडियो की पहचान करते हुए उन्हें खारिज किया, जिनमें से कई पाकिस्तान से शुरू किए गए समन्वित अभियानों से जुड़े थे।

सबसे अधिक वायरल हुए वीडियो में से एक में कथित तौर पर जालंधर में ड्रोन हमला दिखाया गया था, लेकिन यह पूरी तरह से गलत पाया गया। यह वीडियो वास्तव में एक खेत में आग लगने की पुरानी घटना का था। जालंधर के जिला आयुक्त ने इस निष्कर्ष की पुष्टि की। एक अन्य वीडियो में झूठा दावा किया गया कि पाकिस्तानी सेना ने एक भारतीय चौकी को नष्ट कर दिया। इसमें जिस कथित ‘20 राज बटालियन’ का जिक्र किया गया, वह वास्तव में भारतीय सेना में है ही नहीं। यह जानबूझकर गढ़ा गया वीडियो, जनता को गुमराह करने के व्यापक प्रयास का हिस्सा था। भारतीय क्षेत्र पर पाकिस्तानी मिसाइल हमले के दावों के साथ प्रसारित एक वीडियो असल में 2020 में बेरूत में हुए विस्फोट का था। इसे पाकिस्तान के जवाबी हमले के सबूत के तौर पर गलत तरीके से पेश किया गया।

इसके अलावा, राजौरी में फिदायीन हमले की एक मनगढ़ंत रिपोर्ट भी सोशल मीडिया पर फैलाई गयी। पीआईबी ने पुष्टि की कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई। वहीं, एक पोस्ट में कथित तौर पर ‘जनरल वी.के. नारायण’ द्वारा उत्तरी कमान को भेजे गए एक जाली गोपनीय पत्र को दिखाकर फर्जी कहानी को वैधता देने का प्रयास किया गया। पीआईबी ने इस दावे को पूरी तरह से खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कोई व्यक्ति वर्तमान में सेना प्रमुख के पद पर नहीं है। एक अन्य कपटपूर्ण दावे में आरोप लगाया गया कि भारतीय सेना ने अमृतसर पर हमला करने के लिए अम्बाला एयरबेस का इस्तेमाल किया। तथ्य जांच इकाई ने इस निराधार आरोप का खंडन किया और सच्चाई को स्पष्ट करने के लिए रक्षा मंत्रालय की एक विस्तृत प्रेस विज्ञप्ति साझा की। इसके अलावा, देश भर में हवाईअड्डों में प्रवेश प्रतिबंध की अफवाहें सोशल मीडिया पर तेजी से फैलीं। पीआईबी ने पुष्टि की कि किसी भी सरकारी प्राधिकरण द्वारा ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया था।

आठ हजार ‘एक्स’ अकाउंट ब्लॉक करने का आदेश

नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ ने भारत सरकार के सख्त आदेश का पालन करते हुए देश में कई अंतर्राष्ट्रीय समाचार संगठनों और प्रमुख हस्तियों से जुड़े आठ हजार से अधिक अकाउंट ब्लॉक करने शुरू कर दिये हैं। कई समाचार संगठनों और पत्रकारों के एक्स अकाउंट को ब्लॉक कर दिया गया है, जिनमें अनुराधा भसीन (प्रबंध संपादक, कश्मीर टाइम्स), मकतूब मीडिया, फ्री प्रेस कश्मीर, द कश्मीरियत और वरिष्ठ पत्रकार मुजम्मिल जलील शामिल हैं। समाचार पोर्टल द वायर ने भी दावा किया कि कई लोग उसकी वेबसाइट तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।

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