नयी दिल्ली, 16 मई (एजेंसी)
कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र ने रविवार को ग्रामीण इलाकों के लिए नये दिशा-निर्देश (एसओपी) जारी किये। इनके अनुसार इन इलाकों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप जिला अस्पतालों में समर्पित कोविड स्वास्थ्य केंद्र होने चाहिए। इसमें कम से कम 30 बिस्तरों की व्यवस्था होनी चाहिए। मामले बढ़ने पर जिले को बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार रहना चाहिए। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध होनी चाहिए। कोविड देखभाल केंद्र (सीसीसी) किसी संदिग्ध या संक्रमित व्यक्ति को भर्ती कर सकते हैं, लेकिन उनके लिए अलग जगह और प्रवेश तथा निकासी के लिए अलग व्यवस्था होनी चाहिए। एसओपी में कहा गया है, ‘संदिग्ध और संक्रमित व्यक्ति को किसी भी परिस्थिति में एक साथ नहीं रखा जाना चाहिए।’
एसओपी में आशा/आंगनवाड़ी कर्मियों तथा गांव स्तर के स्वयंसेवकों की मदद से संक्रमित लोगों को पल्स ऑक्सीमीटर तथा थर्मामीटर मुहैया कराने की सिफारिश की गई है।
इसमें कहा गया है कि हर बार इस्तेमाल के बाद पल्स ऑक्सीमीटर तथा थर्मामीटर को एल्कोहल वाले सेनेटाइजर में भीगी रूई या कपड़े से साफ करना चाहिए। बीमारी के लक्षण वाले मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) फोन पर परामर्श दे सकते हैं और अन्य बीमारी से पीड़ित या कम ऑक्सीजन स्तर वाले मरीजों को उच्च केंद्रों में भर्ती कराया जाना चाहिए। एसओपी में कहा गया है कि घर पर पृथकवास कर रहे मरीज को किट उपलब्ध कराई जाए, जिसमें आवश्यक दवाओं के साथ ही एक विस्तृत पैम्फ्लेट हो, जिसमें एहतियात और लक्षण गंभीर होने पर संपर्क करने की जानकारी शामिल हो।’