लंदन, 24 अक्तूबर (एजेंसी)
एक नये अध्ययन में दावा किया गया है कि किसी व्यक्ति के शरीर में कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने वाला एंटीबॉडी तत्व इस महामारी के लक्षण महसूस होने के बाद, शुरुआती तीन हफ्तों में काफी तेजी से विकसित होता है और बीमारी की चपेट में आने के 7 महीने बाद तक यह शरीर में मौजूद रहता है। एंटीबॉडी शरीर का वो तत्व है, जिसका निर्माण हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली वायरस को बेअसर करने के लिए करती है। कोरोना संक्रमित 300 रोगियों और इससे उबर चुके 198 लोगों पर किये गए रिसर्च में यह बात सामने आई है। ‘यूरोपियन जर्नल ऑफ इम्युनोलॉजी’ में प्रकाशित इस रिसर्च में पाया गया कि सार्स-कोव-2 वायरस की चपेट में आने वाले लोगों के शरीर में 6 महीने बाद भी एंटीबॉडी तत्व सक्रिय रहा। पुर्तगाल के प्रमुख संस्थान आईएमएम के मार्क वेल्होएन के नेतृत्व में वैज्ञानिकों ने अस्पतालों में 300 से अधिक कोरोना रोगियों और स्वास्थ्य कर्मियों, 2500 यूनिवर्सिटी कर्मचारियों और कोरोना वायरस संक्रमण से उबर चुके 198 स्वयंसेवकों के शरीर में एंटीबॉडी स्तर का अध्ययन किया। रिसर्च में पता चला कि 90 प्रतिशत लोगों के शरीर में कोरोना की चपेट में आने के 7 महीने बाद भी एंटीबॉडी पाए गए।