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गठबंधन लॉक किया जाए... भाजपा ने जजपा को भेजा न्योता

एनडीए की दिल्ली में बैठक कल, अजय चौटाला होंगे शामिल

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अजय चौटाला, जेपी नड्डा
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू

चंडीगढ़, 16 जुलाई

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हरियाणा में भाजपा-जजपा गठबंधन टूटने को लेकर चल रही अटकलों पर एक बार फिर विराम लग गया है। भाजपा ने मंगलवार को नयी दिल्ली में एनडीए की बैठक बुलाई है। इसमें सभी भाजपा गठबंधन सहयोगी शामिल होंगे। हरियाणा में गठबंधन सहयोगी जजपा को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। पार्टी की ओर से पूर्व सांसद और जजपा सुप्रीमो अजय चौटाला बैठक में शिरकत करेंगे। बैठक की अध्यक्षता पीएम नरेंद्र मोदी करेंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्‌डा भी मौजूद रहेंगे।

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नड्‌डा की ओर से ही गठबंधन सहयोगी सभी दलों को बैठक के लिए निमंत्रण भेजा गया है। जजपा के पास भी नड्‌डा का निमंत्रण-पत्र पहुंचा है। सूत्रों का कहना है कि एनडीए की यह बैठक 2024 के लोकसभा चुनाव की रणनीति तय करने के लिए बुलाई गई है। दूसरी ओर, कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक बिहार की राजधानी पटना में हो चुकी है। अब विपक्षी दलों की बैठक 17 व 18 जुलाई को बेंगलुरू में है। ऐसे में, मोदी की अध्यक्षता में होने वाली एनडीए की बैठक भी काफी अहम हो गई है। हरियाणा में साढ़े तीन वर्षों से भाजपा का जजपा के साथ गठबंधन चल रहा है। हालांकि, दोनों पार्टियों के बीच यह गठबंधन सरकार चलाने के लिए है। अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियां का गठबंधन जारी रहेगा या नहीं, इस पर अभी निर्णय नहीं हो पाया है। इतना जरूर है कि एनडीए की बैठक में जजपा का शामिल होना हरियाणा की राजनीति के लिए काफी अहम माना जा रहा है। पिछले करीब दो महीनों से भाजपा-जजपा गठबंधन को लेकर चर्चाओं का बाजार काफी गरम है। दोनों पार्टियों का गठबंधन टूटने की अटकलें भी लगाई जा रही हैं। एनडीए की बैठक में जजपा को बुलाए जाने के बाद इन अटकलों और चर्चाओं पर विराम लग सकता है। जजपा समर्थक इस निमंत्रण को इस रूप में भी देख रहे हैं कि बैठक में बुलाए जाने से साफ हो गया है कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व जजपा के साथ मिलकर चलने का पक्षधर है।

दरअसल, वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा पूर्ण बहुमत से दूर रह गई थी। पार्टी को 40 सीटों पर जीत हासिल हुई। लेकिन बहुमत के लिए 46 विधायकों का होना जरूरी था। हालांकि, सात निर्दलीय विधायकों के अलावा हलेापा के सिरसा से विधायक गोपाल कांडा ने पहले ही दिन सरकार को समर्थन दे दिया था, लेकिन भाजपा हाईकमान ने निर्दलीयों के सहारे सरकार चलाने की बजाय 10 विधायकों वाली जननायक जनता पार्टी के साथ गठबंधन करके सरकार बनाना बेहतर समझा।

गठबंधन सरकार में उचाना कलां से जजपा विधायक दुष्यंत चौटाला डिप्टी सीएम हैं। जजपा कोटे से देवेंद्र बबली को विकास एवं पंचायत मंत्री तथा अनूप धानक को श्रम मंत्री बनाया हुआ है। जजपा के कई नेताओं को बोर्ड-निगमों में भी एडजस्ट किया गया है। चूंकि जजपा के साथ गठबंधन का फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में उनकी कोठी पर ही हुआ था, ऐसे में गठबंधन को लेकर स्थानीय स्तर पर हो रही बयानबाजी का जजपा नेताओं पर कभी कोई असर नहीं पड़ा।

बिप्लब देब ने लिया था फीडबैक

गठबंधन पर सवाल इसलिए उठने शुरू हो गए थे, क्योंकि भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने पिछले दिनों निर्दलीय विधायकों के साथ बैठकें कीं। निर्दलीय विधायकों के साथ गठबंधन पर चर्चा हुई और समर्थन को लेकर बातचीत हुई। इसके बाद, उन्होंने सरकार के मंत्रियों, भाजपा सांसदों-विधायकों के अलावा वरिष्ठ नेताओं व जिलाध्यक्षों से फीडबैक लिया। वे अपनी रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व को दे चुके हैं। बिप्लब द्वारा शुरू किए गए बैठकों के दौर के बाद कई वरिष्ठ नेताओं व मंत्रियों ने गठबंधन को लेकर बयानबाजी की थी।

शाह से मिल चुके दुष्यंत

गठबंधन को लेकर जब विवाद चल रहा था और भाजपा नेताओं द्वारा बयानबाजी की जा रही थी तो उसी दौरान आपदा प्रबंधन मंत्रियों की बैठक में दुष्यंत ने भाग लिया था। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में नयी दिल्ली में हुई इस बैठक के बाद दुष्यंत की शाह के साथ बातचीत हुई थी। सूत्रों का कहना है कि सप्ताह-दस दिन पहले दुष्यंत चौटाला नयी दिल्ली में शाह के साथ बैठक कर चुके हैं। इस बैठक को गोपनीय रखा गया। आमतौर पर बैठक के बाद फोटो रिलीज किए जाते हैं, लेकिन बैठक की खबर किसी को नहीं लगने दी गई।

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