न्यूयॉर्क, 19 जनवरी (एजेंसी)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के साथ अल-कायदा के संपर्क लगातार मजबूत हो रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत ने यह बात कही। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अफगानिस्तान में हाल के घटनाक्रम ने इस आतंकवादी संगठन को ताकतवर होने का मौका ही दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल’ द्वारा मंगलवार को आयोजित अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक कार्रवाई सम्मेलन 2022 में कहा कि इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अपने तरीके बदल लिये हैं और उसका मुख्य रूप से ध्यान सीरिया तथा इराक में फिर से जमीन मजबूत करने पर है तथा इसके क्षेत्रीय सहयोगी संगठन विशेष रूप से अफ्रीका और एशिया में अपना विस्तार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी तरह, अल-कायदा बड़ा खतरा बना हुआ है तथा अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रम ने उन्हें फिर से मजबूत होने का मौका दिया है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के साथ अल-कायदा के संपर्क लगातार मजबूत हो रहे हैं। अफ्रीका में इसके क्षेत्रीय सहयोगी लगातार विस्तार कर रहे हैं।’
मुंबई विस्फोटों के अपराधियों को पाक में फाइव स्टार सुविधाएं
टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि 1993 में मुंबई में हुए सीरीयल बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार अपराधी पाकिस्तान में पांच-सितारा सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। उन्हें सरकारी संरक्षण मिला हुआ है। उनका परोक्ष इशारा अंतर्राष्ट्रीय अपराधी दाऊद इब्राहीम की तरफ था। मंगलवार को ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल’ की ओर से आयोजित ‘अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक कार्रवाई सम्मेलन 2022′ में उन्होंने कहा कि आतंकवाद और देशों के बीच संगठित अपराध के संपर्कों को पहचाना जाना चाहिए तथा उन पर पुरजोर तरीके से ध्यान देना चाहिए।