नयी दिल्ली, 6 दिसंबर (एजेंसी)
देश में कोरोना के उपचाराधीन व सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 4.03 लाख रह गयी है, जो पिछले 138 दिनों के बाद सबसे कम है। इससे पहले 21 जुलाई को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 4.02 लाख थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि नये मामलों की तुलना में अधिक मरीजों के स्वस्थ होने के रुख से भारत में कोरोना के सक्रिय मामले लगातार घटते गये और फिलहाल इलाजरत मरीजों की संख्या कुल मामलों का महज 4.18 फीसदी है। मंत्रालय के अनुसार पिछले 7 दिनों में प्रति 10 लाख आबादी पर 186 नये मामले सामने आये। यह दुनिया में सबसे कम आंकड़ों में एक है।
मंत्रालय के रविवार सुबह 8 बजे के आंकड़ों के अनुसार बीते 24 घंटे में संक्रमण के 36011 नये मामले सामने आये, जबकि 41970 लोग ठीक हुए। इस दौरान 482 संक्रमितों की जान गयी। कोरोना मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 94.37 फीसदी हो गयी है, जबकि मृत्यु दर 1.45 फीसदी बनी हुई है। मंत्रालय के अनुसार देश में संक्रमित हो चुके लोगों की कुल संख्या बढ़कर 96.44 लाख हो गयी है। इनमें से 91 लाख से अधिक लोग स्वस्थ हो चुके हैं, जबकि मृतकों की संख्या 140182 तक पहुंच गयी है। आईसीएमआर के अनुसार, देश में 14.69 करोड़ से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं। शनिवार को करीब 11 लाख टेस्ट किए गये।
कोरोना के 11% मामले नहीं पकड़ पाया रैपिड टेस्ट
नयी दिल्ली (एजेंसी) : दिल्ली में एक सितंबर से 7 नवंबर के बीच रैपिड एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव पाये गये करीब 11% लोगों में आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमण की पुष्टि हुई। एक आरटीआई आवेदन के जवाब में स्वास्थ्य अधिकारियों से मिले आंकड़ों के अनुसार संक्रमण के लक्षण वाले 56,862 मरीजों में आरएटी में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। उनमें से 32,903 मरीजों की बाद में आरटी-पीसीआर जांच की गई। उनमें से 3,524 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई।
दिल्ली में सितंबर में आरटी-पीसीआर जांच के बाद संक्रमण के मामलों की दर 20.97 फीसदी थी, वहीं आरएटी जांच में यह महज 4.77 फीसदी थी। देश में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सितंबर में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से ऐसे सभी मामलों की आरटी-पीसीआर जांच अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए थे, जिनमें संक्रमण के लक्षण थे, लेकिन आरएटी जांच में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई थी। इसके पीछे मकसद यह था कि संक्रमण का कोई भी मामला नहीं छूट पाए।
सौवें जन्मदिन से पहले महामारी को मात
हावड़ा (एजेंसी) : भवतारिणी समंता का 100वां जन्मदिन सिर्फ एक महीने दूर था, तभी वह कोरोना से संक्रमित हो गईं। लेकिन डॉक्टरों और परिवार के सदस्यों को अचरज में डालते हुए, उन्होंने वायरस को मात दे दी। समंता को 99 साल 11 महीने की उम्र में बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद 24 नवंबर को फूलेश्वर इलाके के अस्पताल में भर्ती किया गया था। अस्पताल के निदेशक शुभाशीष मित्रा ने कहा कि उन्हें कई तरह की दिक्कतें थी।
उनके इलाज के लिए एक मेडिकल टीम गठित की गई। समय से देखभाल के साथ वह ठीक होने लगीं। खुशी है कि हम उन्हें 100वें जन्मदिन से पहले ही घर भेज सके। शनिवार को समंता जब अपने घर रवाना होने लगीं तो डॉक्टरों, नर्सों और अस्पताल के अन्य कर्मचारियों ने उनके लिए गीत गाए, उन्हें फूल और मिठाइयां भेंट की।