नयी दिल्ली, 26 सितंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को न्यायाधीशों की नियुक्ति में देरी पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कॉलेजियम की 70 सिफारिशें अब भी सरकार के पास अटकी हुई हैं। अदालत ने अटॉर्नी जनरल से इस मुद्दे को हल करने के लिए उनके कार्यालय का उपयोग करने को कहा।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ द्वारा मामला उठाए जाने के बाद अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए लंबित सिफारिशों पर निर्देश लेने के लिए एक सप्ताह का समय मांगा। सुनवाई के दौरान जस्टिस कौल ने वेंकटरमणी से कहा, ‘आज मैं चुप हूं, क्योंकि अटॉर्नी जनरल ने बहुत कम समय मांगा है, अगली बार मैं चुप नहीं रहूंगा। इन मुद्दों का समाधान देखने के लिए अपने अच्छे कार्यालय का उपयोग करें।’ पीठ ने कहा, पिछले सप्ताह तक 80 सिफारिशें लंबित थीं, जब 10 नामों को मंजूरी दी गई। अब, यह आंकड़ा 70 है, जिनमें से 26 सिफारिशें न्यायाधीशों के स्थानांतरण की हैं, सात सिफारिशें दोहराई गई हैं और एक मामला संवेदनशील उच्च न्यायालय में मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति का है। ये सभी सिफारिशें पिछले साल नवंबर से लंबित हैं। जस्टिस कौल ने कहा कि लंबित सिफारिशों पर कोई ठोस कार्यवाही सात महीनों से नहीं हुई है।
शीर्ष अदालत बेंगलुरू के एडवोकेट्स एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें 2021 के फैसले में अदालत द्वारा निर्धारित समय-सीमा का कथित तौर पर पालन नहीं करने के लिए केंद्रीय कानून व न्याय मंत्रालय के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की मांग की गई थी।