नयी दिल्ली, 20 मई (एजेंसी)
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक अध्ययन के अनुसार देश में 50 फीसदी लोग अब भी मास्क नहीं पहनते। मास्क पहनने वालों में से लगभग 64 फीसदी सिर्फ मुंह ढंकते हैं, नाक नहीं ढंकते। 20 फीसदी इसे ठुड्डी पर रखते हैं तो 2 फीसदी इसे गले में डालकर रखते हैं। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने यह जानकारी देते हुए कहा कि अध्ययन 25 शहरों के 2 हजार लोगों पर आधारित है।
इस बीच, यह तथ्य भी सामने आया है कि संक्रमित व्यक्ति की छींक से निकलने वाली छोटी बूंदें 2 मीटर और इससे निकलने वाली फुहार (एयरोसोल) 10 मीटर दूर तक जा सकती है। सरकार ने एडवाइजरी में कहा है कि इससे बचने के लिए मास्क पहनना जारी रखना चाहिए, डबल मास्क या एन95 मास्क पहनना चाहिए। प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की एडवाइजरी में कहा गया है, ‘घर या काम के स्थान पर वेंटिलेशन सुरक्षा करती है। कार्यालयों, घरों और बड़े सार्वजनिक स्थानों में बाहरी हवा के लिए वेंटिलेशन में सुधार के उपाय करने चाहिए। पंखे, खुली खिड़कियां और दरवाजे, यहां तक कि थोड़ी खुली खिड़कियां भी अंदर की हवा की गुणवत्ता सुधारने में मदद कर सकती हैं।’
घर पर खुद कर सकेंगे कोरोना जांच
घर में ही कोरोना संक्रमण की जांच के लिए आईसीएमआर ने एक रैपिड एंटीजन जांच (आरएटी) किट को मंजूरी दी है, जो माइलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस लिमिटेड ने विकसित की है। कोविसेल्फ नामक यह किट 250 रुपये की है और 3-4 दिन में यह बाजार में उपलब्ध होगी। आईसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि 3 और कंपनियों की किट को भी एक सप्ताह के भीतर मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘घर में जांच के लिए मेडिकल स्टोर से किट खरीदिए और मोबाइल एप डाउनलोड कीजिए, पंजीकरण करिए, नियमावली पढ़िए। खुद अपनी जांच करिए और मोबाइल से फोटो खींचकर अपलोड कीजिए। मोबाइल आपको परिणाम बताएगा।’