नयी दिल्ली, 9 नवंबर (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मौखिक तौर पर कहा कि मणिपुर के राज्यपाल लाभ के पद को लेकर चुनाव आयोग की ओर से भाजपा के 12 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने संबंधी सिफारिश पर फैसले को लटका नहीं सकते हैं। कोर्ट कांग्रेस विधायक डी.डी. थैसी की इन 12 विधायकों को अयोग्य ठहराये जाने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। याचिका में कहा गया है कि ये विधायक संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त हैं जो कि लाभ का पद है। याची की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस एल. नागेश्वर राव के नेतृत्व वाली पीठ के समक्ष कहा कि संवैधानिक प्राधिकारी फैसले को लंबित नहीं रख सकता। चुनाव आयोग की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने पीठ के समक्ष कहा कि राज्यपाल चुनाव आयोग की सिफारिश मानने को बाध्य हैं।