नयी दिल्ली, 17 मई (एजेंसी)
कोरोना की दूसरी लहर से संघर्ष के बीच रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित की गयी दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज’ (2-डीजी) की पहली खेप सोमवार को जारी की गयी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के साथ इसे जारी किया। कोविड-19 के मध्यम और गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर इस दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) की ओर से मंजूरी मिल चुकी है। इसे डीआरडीओ के नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने डॉक्टर रेड्डीज लैबोरेट्रीज के साथ मिलकर विकसित किया है। यह दवा पाउडर के रूप में मिलेगी, जिसे पानी में मिलाकर मरीजों को पिलाया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय ने 8 मई को एक बयान में कहा था कि 2-डीजी के क्लीनिकल परीक्षण में पता चला है कि इससे अस्पताल में भर्ती मरीजों की ऑक्सीजन पर निर्भरता को कम करने में मदद मिलती है और मरीज जल्दी ठीक होते हैं।
डीआरडीओ की ओर से आयोजित कार्यक्रम में रक्षा मंत्री ने कहा, ‘2-डीजी दवा आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है। यह कोविड-19 मरीजों के उपचार के लिए उम्मीद की किरण लेकर आई है। यह देश के वैज्ञानिक कौशल का अनुपम उदाहरण है। …मुझे बताया गया है कि इस दवा के उपयोग से सामान्य अवधि के मुकाबले मरीज दो से ढाई दिन पहले ठीक हो रहे हैं। कोविड रोगियों की ऑक्सीजन पर निर्भरता 40 प्रतिशत कम होगी। पाउडर के रूप में उपलब्ध होने से इसे पानी में घोलकर आसानी से पी सकेंगे।’ रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि यह समय थकने और आराम करने का नहीं है, क्योंकि इस महामारी के स्वरूप को लेकर कुछ भी निश्चित जानकारी नहीं है। हमें बहुत सावधानी से कदम आगे बढ़ाना है।