नयी दिल्ली, 24 नवंबर (एजेंसी)
दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के जेल की अपनी कोठरी में कथित तौर पर ‘मालिश’ कराने के वीडियो पर विवाद के बीच तिहाड़ जेल के एक पूर्व विधि अधिकारी ने दावा किया कि वहां ऐसी ‘गैरकानूनी गतिविधियां आम बात हैं और प्रभावशाली कैदियों की यौन इच्छाओं की पूर्ति तक की व्यवस्था वहां की जाती है।’ तिहाड़ जेल में 1981 से 2016 तक विधि अधिकारी एवं प्रवक्ता के तौर पर काम करने वाले सुनील गुप्ता ने दावा किया कि ‘रसूखदार लोगों’ को देश की सबसे बड़ी जेल में अधिकारियों के साथ ही कैदियों से सभी तरह की ‘विशेष सुविधाएं’ मिलती थीं। गुप्ता ने कहा कि जब उन्होंने कुछ मामलों में शिकायत की तो उन पर कार्रवाई भी की गयी थी।
अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल बाद गुप्ता ने एक किताब ‘ब्लैक वारंट’ लिखी, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे रसूखदार कैदी हर नियम को तोड़कर ‘लग्जरी’ जीवन बिताते हैं। गुप्ता ने कहा, ‘मेरे कार्यकाल में, मैंने प्रभावशाली लोगों को यौन इच्छाओं की पूर्ति की व्यवस्था करने के लिए कहते हुए तथा इन्हें हासिल करते हुए देखा। तिहाड़ के भीतर लौंडेबाजी सामान्य बात है और प्रभावशाली कैदी, दूसरे कैदियों से आपसी रजामंदी या जेल अधिकारियों की मदद से ये सब करने के लिए कहते हैं।’
तिहाड़ जेल के प्रवक्ता धीरज माथुर ने गुप्ता के आरोपों पर जवाब देने से इनकार कर दिया। गुप्ता ने कहा कि सत्येंद्र जैन के प्रकरण की विस्तृत जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘अगर सत्येंद्र जैन ने किसी आरोपी से अपनी जेल की कोठरी में मालिश करायी तो यह गैरकानूनी है, क्योंकि परिसर में किसी कैदी को फिजियोथेरैपी देने के लिए भी अधिकृत वार्ड हैं। वह किसी आरोपी से अपनी कोठरी में मालिश नहीं करा सकते।’ हालांकि, इस वायरल वीडियो ने गुप्ता को हैरान नहीं किया, क्योंकि उनकी नजर में जेल में ‘ऐसी गैरकानूनी गतिविधियां सामान्य’ हैं। गुप्ता ने दावा किया, ‘मैंने मंत्रियों, कारोबारियों और उद्योगपतियों को खुश करने के लिए नियमों की धज्जियां उड़ते हुए देखी हैं। प्रभावशाली लोगों के साथ कौन नहीं जुड़ना चाहेगा? वे गरीब कैदियों को नौकरी, कानूनी सहायता और पैसे देने का वादा करते थे तथा उनसे अपनी मनमर्जी की सुविधा लेते थे।’ गुप्ता ने दावा किया, ‘यहां तक कि जेल अधिकारी भी उनके इशारों पर नाचते हैं, क्योंकि बदले में उन्हें धन, उनके रिश्तेदारों एवं अन्य को नौकरियां दिलाने का वादा किया जाता है।’
पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल किरण बेदी ने कहा, ‘सुनील जो कह रहे हैं वह संभवत: मेरे आने से पहले या मेरे जाने के बाद उनके कार्यकाल में हुआ होगा।’तिहाड़ जेल में 1993-1995 तक महानिदेशक रहीं बेदी ने हालांकि, यह स्वीकार किया कि उन्हें कैदियों से कुकर्म समेत ‘सभी तरह की शिकायतें’ मिलती थीं। उन्होंने एक मोबाइल बॉक्स के जरिए कैदियों की प्रतिक्रिया तथा शिकायतों के लिए एक व्यवस्था बनायी थी और यह बॉक्स केवल वही खोलती थीं। बेदी ने कहा, ‘मेरी जिम्मेदारी के वक्त किसी को इस तरह की सुविधा नहीं मिली। सभी के लिए नियम समान थे। हमारी प्रतिक्रिया और कैदियों की शिकायत की बहुत प्रभावी प्रणाली थी जिसे सीधा मैं संभालती थी। मुझे भ्रष्टाचार तथा यौन अपराध की सभी तरह की शिकायतें मिलीं तथा मैंने फौरन कार्रवाई की।’