नयी दिल्ली, 17 सितंबर (एजेंसी)
कृषि संबंधी 2 विधेयक बृहस्पतिवार को विरोध के बीच लोकसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिये गये। इससे पहले इनके विरोध में अकाली दल की सांसद व केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया। वहीं, कांग्रेस, द्रमुक और आरएसपी समेत कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वाॅकआउट किया।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को सदन में पेश करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इन्हें ‘परिवर्तनकारी’ बताया। उन्होंने कहा कि किसानों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का तंत्र जारी रहेगा और इन विधेयकों के कारण तंत्र पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। तोमर ने कहा कि यह किसानों को बांधने वाला नहीं, बल्कि किसानों को स्वतंत्रता देने वाला विधेयक है।
संसद परिसर में जलायीं प्रतियां
पंजाब कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद परिसर में कृषि से संबंधित विधेयकों की प्रतियां जलाईं और विधेयकों को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस सांसदों में गुरजीत सिंह औजला, डॉक्टर अमर सिंह, रवनीत बिट्टू और जसबीर गिल शामिल थे। सांसद अमर सिंह ने कहा, ‘ विधेयक किसान विरोधी हैं। सरकार को इन विधेयकों को तत्काल वापस लेना चाहिए। किसान सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन ये सरकार सुनने को तैयार नहीं हैं।’ सांसदों ने सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारेबाजी भी की। रवनीत सिंह बिट्टू ने लोकसभा में यह आरोप भी लगाया कि बड़े बहुमत के साथ सत्ता में आई सरकार किसानों को भूल गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्म दिन है और उनके जन्मदिन के मौके पर किसानों के लिए काला कानून लाया जा रहा है। बिट्टू ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘आपका सहयोगी शिरोमणि अकाली दल भी आपके खिलाफ बोला। अब तो जाग जाओ।’ उन्होंने कहा, ‘पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। अगर आप बार-बार पंजाब को छेड़ोगे और संकट पैदा करोगे तो यह ठीक नहीं है। मैं धमकी नहीं दे रहा हूं।’