नयी दिल्ली, 6 दिसंबर (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश से जुड़ी टिप्पणी करने के अवमानना के आपराधिक मामले में मंगलवार को फिल्म निर्माता विवेक अग्निहोत्री को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया। अपनी कथित टिप्पणी के लिए अग्निहोत्री द्वारा हलफनामे के माध्यम से बिना शर्त माफी मांगे जाने के बाद हाईकोर्ट ने उन्हें पेश होने को कहा। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस तलवंत सिंह की पीठ ने सवाल किया कि क्या अग्निहोत्री को इस अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से पेश होने में कोई दिक्कत है।
अग्निहोत्री के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि फिल्म निर्माता ने हलफनामे में बिना शर्त माफी मांगी और कहा है कि उन्होंने स्वयं न्यायमूर्ति के खिलाफ किया गया वह ट्वीट डिलीट किया था। हालांकि, ‘न्याय मित्र’ द्वारा अदालत को सूचित किया गया कि उपरोक्त कथन गलत है और अग्निहोत्री द्वारा किए गए ट्वीट को ट्विटर ने हटाया था। इस पर पीठ ने अग्निहोत्री के अधिवक्ता से कहा, ‘वह अदालत के समक्ष पेश हो जाएं, फिर उसी वक्त आप यह सारी बातें कह सकते हैं।’
पीठ ने कहा कि इस अदालत के समक्ष पेश होना कोई तकलीफ की बात नहीं है और कहा कि ‘उन्हें पेश होने दें। क्या इस अदालत के समक्ष पेश होने में कोई दिक्कत है? आशा करते हैं कि ऐसा नहीं है।’गौरतलब है कि अग्निहोत्री ने 2018 में दिल्ली हाईकोर्ट के तत्कालीन न्यायाधीश एस मुरलीधर के खिलाफ ट्वीट किए थे। जस्टिस मुरलीधर फिलहाल ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।