मुंबई, 11 जनवरी (एजेंसी) बंबई हाईकोर्ट ने राजद्रोह तथा अन्य आरोपों में अभिनेत्री कंगना रनौत और उनकी बहन रंगोली चंदेल के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम राहत सोमवार को 25 जनवरी तक बढ़ा दी। अदालत ने मुंबई पुलिस को तब तक दोनों को पूछताछ के लिए तलब नहीं करने का भी निर्देश दिया। रनौत और उनकी बहन मामले में बयान दर्ज कराने के लिए 8 जनवरी को यहां बांद्रा पुलिस के समक्ष पेश हुई थीं। इस बाबत पिछले साल नवंबर में अदालत को आश्वासन दिया गया था। बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत के आदेशों के अनुरूप राजद्रोह के आरोपों में तथा सोशल मीडिया पर टिप्पणियों के माध्यम से कथित रूप से नफरत फैलाने एवं सांप्रदायिक तनाव की कोशिश करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। बांद्रा मजिस्ट्रेट की अदालत ने पुलिस को रनौत तथा उनकी बहन के खिलाफ शिकायत के बाद जांच करने का निर्देश दिया था। जस्टिस एस एस शिंदे तथा जस्टिस मनीष पितले दोनों बहनों की याचिका पर सुनवाई कर रहे थे जिसमें प्राथमिकी को और पिछले साल 17 अक्तूबर को जारी मजिस्ट्रेट के आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया है। सरकारी अभियोजक ने सोमवार को अदालत को सूचित किया कि याचिकाकर्ता आठ जनवरी को अपराह्न एक बजे से तीन बजे तक पुलिस के समक्ष पेश हुई थीं। उन्होंने कहा, ‘वह (रनौत) हमारे पूछताछ पूरी करने से पहले ही यह दावा करते हुए चली गयीं कि उनकी पेशेवर प्रतिबद्धताएं हैं। हम पूछताछ के लिए उन्हें फिर बुलाएंगे। सहयोग करने में क्या गलत है।’ इस पर जस्टिस पितले ने कहा, ‘वह (रनौत) दो घंटे तक रहीं। क्या यह काफी नहीं है? आपको सहयोग के लिए और कितने घंटे चाहिए?’ तब ठाकरे ने कहा कि पुलिस उनसे 3 और दिन तक पूछताछ करना चाहती है। शिकायतकर्ता साहिल अशरफ अली सैयद की ओर से वकील ने याचिका पर जवाब देने के लिए हलफनामा दाखिल करने के लिहाज से और वक्त मांगा। तब अदालत ने मामले में सुनवाई 25 जनवरी तक स्थगित कर दी। अदालत ने कहा, ‘तब तक याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने की अंतरिम राहत भी जारी रहेगी। पुलिस तब तक याचिकाकर्ताओं को नहीं बुलाएगी।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।