नयी दिल्ली, 17 जनवरी (एजेंसी)
भारतीय नृत्य शैली कथक को विश्व पटल पर ले जाने वाले प्रख्यात कथक नर्तक बिरजू महाराज का रविवार देर रात यहां अपने घर पर निधन हो गया। ‘महाराज जी’ के नाम से मशहूर बिरजू महाराज अगले महीने 84 वर्ष के होने वाले थे। उनकी पोती रागिनी महाराज ने बताया कि बिरजू महाराज के निधन के वक्त उनके आस-पास परिवार के लोग और उनके शिष्य मौजूद थे। वे रात के भोजन के बाद अंताक्षरी खेल रहे थे, जब महाराज को अचानक कुछ परेशानी होने लगी। वह अपने आखिरी क्षणों में हंस रहे थे, मुस्कुरा रहे थे।
भारत के सबसे प्रसिद्ध एवं पसंदीदा कलाकारों में से एक, बृज मोहन नाथ मिश्रा (पंडित बिरजू महाराज के नाम से मशहूर) लखनऊ के कालका-बिंदादिन घराना से ताल्लुक रखते थे। वह ठुमरी के भी माहिर थे और उन्होंने सत्यजीत रे की फिल्म ‘शतरंज के खिलाड़ी’ के लिए एक गीत भी गाया था। बिरजू महाराज कथक नर्तकों के महाराज परिवार के वंशज थे। उन्होंने अपने पिता एवं गुरु अचन महाराज और चाचा शंभू महाराज और लच्छू महाराज से प्रशिक्षण लिया।
उनके परिवार में तीन बेटियां, दो बेटे और पांच नाती-पोते हैं। वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थे और उच्च मधुमेह की वजह से पिछले महीने से ‘डायलिसिस’ पर थे। वे दिल के मरीज भी थे। उनकी पोती ने बताया कि संभवत: दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हुआ।
फिल्मों में भी योगदान : बिरजू महाराज को फिल्म उद्योग में भी खूब पसंद किया जाता रहा। उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री माधुरी दीक्षित को ‘देवदास’ फिल्म के ‘काहे छेड़े मोहे’ गीत और दीपिका पादुकोण को ‘बाजीराव मस्तानी’ के गीत ‘मोहे रंग दो लाल’ के लिए प्रशिक्षित किया था। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, कालीदास सम्मान और ‘विश्वरूपम’ के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर, बाजीराव मस्तानी के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिरजू महाराज की मौत पूरे कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारतीय नृत्य कला को विश्वभर में विशिष्ट पहचान दिलाने वाले पंडित बिरजू महाराज जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनका जाना संपूर्ण कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है।’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ‘दिग्गज पंडित बिरजू महाराज का निधन एक युग के अंत का प्रतीक है। इसने भारतीय संगीत एवं सांस्कृतिक क्षेत्र में बड़ा-सा खालीपन ला दिया है। वह एक प्रतीक बन गए थे, जिन्होंने कथक को विश्व स्तर पर लोकप्रिय बनाने के लिए अतुलनीय योगदान दिया।’ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारतीय सांस्कृतिक नृत्य के क्षेत्र में उनका योगदान अतुलनीय है। दिवंगत पंडित जसराज की बेटी, गायिका दुर्गा जसराज ने बिरजू महाराज के निधन को भारतीय कला के लिए भारी नुकसान बताया। नर्तकी गीता चंद्रन ने नृत्य की दुनिया में उनके योगदान को एतिहासिक बताया।